आज के युग में मोबाइल गेम बच्चों का सबसे पसंदीदा काम है और इस काम को करने के लिए बच्चे पढ़ाई पर भी ध्यान नहीं देते हैं. गुजरात के सूरत में मोबाइल गेम एक 12 साल के बच्चे की हत्या की वजह बन गया. पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
ये मामला सूरत शहर के पांडेसरा इलाके का है. मृतक बच्चे का नाम आकाश तिवारी था. आकाश तिवारी चौथी कक्षा का छात्र था. दरअसल, आकाश मंगलवार के दिन अपने घर से थोड़ी दूर रहने वाले एक 20 वर्षीय दोस्त अमन शिवहरे से मिलने गया था फिर वो वापस अपने घर जिंदा नहीं लौटा.
आकाश के परिवार वाले उसकी खोज करते हुए दोस्त अमन शिवहरे के भी कमरे पर गए थे. लेकिन अमन ने आकाश के वहां होने की बात से साफ इनकार कर दिया. आखिर में, आकाश के परिवार ने अपने बच्चे के अपहरण की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करवाई. गुमशुदा बच्चे की शिकायत मिलने पर पुलिस तलाशी में जुट गई.
इस बीच अमन शिवहरे का रूम पार्टनर सोनू जब रात को नौकरी से लौटा तो उसने पलंग के नीचे एक बच्चे की लाश देखी और उस पलंग के ऊपर अमन आराम से बैठा हुआ पाया. सोनू ने उस बच्चे की लाश के बारे में अमन से पूछताछ की तो उसने बच्चे की लाश के बारे में कुछ भी जानकारी होने से इनकार कर दिया.
इसके बाद अमन के रूम पार्टनर सोनू ने बच्चे की लाश मिलने की जानकारी मकान मालिक और पुलिस को दी. खबर मिलते ही सूरत की पांडेसरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक बच्चे की लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि आकाश की मौत गला दबाने से हुई है, फिर क्या था पुलिस ने अमन शिवहरे को हिरासत में ले लिया.
पुलिस ने जब कड़ी पूछताछ की तो अमन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. अमन ने पुलिस को बताया कि 12 वर्षीय आकाश तिवारी मोबाइल गेम फ्री फायर का आदी था. वह उसके पास मोबाइल में गेम खेलने आया करता था. उस रोज उसने आकाश को गेम खेलने भी दिया था. मगर बच्चे ने गेम खेलने से मिलने वाले पाइंट गंवा दिए और फिर से गेम खेलने की जिद कर रहा था. इसके बाद गुस्से में आकर अमन ने आकाश की हत्या कर दी.
सूरत के एसीपी जे.के.पण्ड्या का कहना है कि 12 साल के बच्चे को मोबाइल पर गेम खेलने की ऐसी लत गई थी कि वह फ्री फायर गेम खेलने का आदी बन गया. फ्री फायर गेम पबजी गेम की तरह ही होता है. आकाश के पिता संतोष तिवारी कुछ समय पहले ही सूरत रहने आए थे ताकि उनका बच्चा ढंग से पढ़ाई कर सके. इसलिए घर में ना टीवी रखते थे और ना महंगा मोबाइल बावजूद इसके उसे मोबाइल में गेम खेलने की लत ऐसी लगी कि उसके मौत का कारण बन गई.
मृतक आकाश के पिता संतोष तिवारी का कहना है कि आकाश घर के पास ही एक स्कूल ने पढ़ता था. वह पढ़ने लिखने में तेज था और स्कूल में होने वाले हर प्रतियोगिता में हिस्सा भी लेता था. फिलहाल, आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है और जांच जारी है.