उत्तर प्रदेश के शामली में बीजेपी नेता अश्विनी पवार ने यूपी पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) पर कार पर फायरिंग करने और उनकी हत्या करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसको लेकर कहा जा रहा है कि एसओजी ने बीजेपी नेता की कार पर गोलियां चलाई हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि एसओजी की टीम किसी से पैसे लेकर उनकी हत्या करना चाहती है.
जो सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उसमें दिख रहा है कि एक कार सड़क पर रुकी हुई है. इसके बाद वहां पुलिस (एसओजी) के जवान पहुंचते हैं और फिर कोई बातचीत होती है. उनके हाथों में बंदूक भी दिख रही है. इसके बाद कार वहां से तेजी से आगे निकल जाती है.
बीजेपी नेता अश्विनी पवार ने आरोप लगाया है कि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम ने कल रात उनकी कार में ही हत्या करने की कोशिश की जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस ने उन्हें रात भर हिरासत में रखा था क्योंकि इन्हें हत्या को अंजाम देने के लिए पैसे मिले थे.
वहीं सत्ताधारी बीजेपी के नेता के इस सनसनीखेज आरोप के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. शामली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जो सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ है उसमें दिल्ली सहारनुपर रोड पर उनकी कार को एसओजी की टीम ने पकड़ लिया.
फुटेज में कार धीमी और सड़क के बीच में रुकती हुई दिखाई दे रही है, जिसके बाद पुलिस कर्मी सिविल ड्रेस में गाड़ी के पास पहुंचे. कुछ देर बाद ही कार को तेज गति से भागते हुए वीडियो में आसानी से देखा जा सकता है. बता दें कि SOG हाई-प्रोफाइल अपराधों को संभालने के लिए गठित यूपी पुलिस की जिला-स्तरीय टीम है.
अश्विनी पवार ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया, "मेरे बच्चों ने रेस्टोरेंट में जाकर डिनर करने पर जोर दिया जिसके बाद हम बाहर चले गए. पेट्रोल पंप पर मैंने पेट्रोल लिया. तभी मुझे एहसास हुआ कि पेट्रोलपंप कर्मी ने कार्ड-स्वाइपिंग मशीन को कार की छत पर ही छोड़ दिया. मैं रुक कर उन्हें कॉल करने लगा. तभी मैंने एसओजी अधिकारियों को बंदूक के साथ अपनी कार की ओर आते हुए देखा. उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. वो 10-15 राउंड फायर कर चुके थे."
उन्होंने गाड़ी में लगी गोलियों के निशान भी दिखाए और कहा कि कार में मेरे साथ यात्रा कर रहे चार लोगों में से एक मनीष कुमार गोली लगने से घायल हो गए, जबकि तीन गोलियां वाहन में लगी हैं. पवार ने आरोप लगाया है कि बाद में पुलिस उनके आवास पर पहुंची और एसओजी के कमांडिंग ऑफिसर जितेंद्र सिंह के आदेश के तहत उन्हें पुलिस स्टेशन ले गई, जहां उन्हें रातभर प्रताड़ित किया गया. उन्होंने कहा कि फर्जी मामलों में फंसाने और थप्पड़ मारने की धमकी भी दी गई.
वहीं शामली के पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव ने घटना का जिक्र करते हुए कहा, "आरोप गंभीर हैं. हम सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर जांच कर रहे हैं. जांच के बाद जो भी सामने आएगा, उसके आधार पर हम कार्रवाई करेंगे."