
वो कहते हैं ना कि लालच बुरी बला है. लालच बुरी बला है. लेकिन नौकरी के लालच में कोई पत्नी अपने ही पति को मौत के घाट उतारवा दे, यह सुनने में बेशक अजीब सा लग रहा होगा. लेकिन आज हम आपको ऐसे चार मामलों के बारे में बताएंगे जहां सात जन्मों के बंधन को निभाने का वादा करने वाली बीवीयों ने अपने ही पतियों को मौत के घाट उतरवा दिया. वो भी सिर्फ इसलिए ताकि उनकी सरकारी नौकरी उन्हें मिल सके...
झारखंड के चाईबासा में अनीता देवी उर्फ अनीता सिंह ने 25 नवंबर 2017 को अपने ही पति की हत्या कर दी थी. वो भी सिर्फ इसलिए ताकि पति के मरने के बाद उसकी नौकरी उसे मिल जाए. अनीता की जनवरी 2017 में ही राजीव कुमार के साथ शादी हुई थी. पहले वह बेरोजगार था. लेकिन वह सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था.
नौकरी न होने के कारण अनीता और राजीव में मनमुटाव होने लगा था. इसलिए वह कई-कई दिनों के लिए ससुराल से मायके चली जाती. फिर एक दिन राजीव का सपना पूरा हुआ और उसकी नौकरी रेलवे में लग गई. जिसके बाद उसे रहने के लिए सरकारी क्वार्टर भी मिला. जब ये बात अनीता को पता चली तो वह भी राजीव के पास रहने के लिए सरकारी क्वार्टर में आ गई.
पति को मारकर शव पंखे से लटकाया
लेकिन उसके इस तरह आने के पीछे का कारण राजीव नहीं जानता था. इसके कुछ दिन बाद ही अनीता का भाई, बहन और उसकी मां भी वहीं आकर रहने लगे. वे लोग राजीव के साथ अच्छा सलूक नहीं करते थे. फिर एक दिन 25 नवंबर 2017 के दिन अनीता ने अपने परिवार के साथ मिलकर राजीव की पहले गला दबाकर हत्या कर दी. फिर उसके शव को पंखे से लटका दिया, ताकि उसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके. लेकिन पुलिस ने जब जांच की तो सारा मामला खुल गया. अनीता ने बताया कि उसने अपने पति की नौकरी अनुकंपा के आधार पर पाने के लिए उसकी हत्या की है.
पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मामला कोर्ट में चला और 17 मार्च 2023 में आरोपी पत्नी अनीता को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
पति की हत्या के लिए दी सुपारी
ऐसा ही मामला बिहार के मुंगेर में भी देखने को मिला. यहां 31 दिसंबर 2022 को रेलवे कर्मचारी अनूप टुड्डू की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस को 1 जनवरी को इस हत्या की सूचना मिली. घर में मृतक की पत्नी बीना हांसदा से पूछताछ की गई तो वह पुलिस को गुमराह करने लगी. उसने कहा कि उसे इस हत्या के बारे में कुछ भी नहीं पता.
पुलिस को अनूप की पत्नी पर शक हुआ. क्योंकि वो बार-बार बयान बदल रही थी. फिर उन्होंने उससे सख्ती से पूछताछ की. जिसके बाद आरोपी पत्नी टूट गई और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने बताया कि अनूप रेलवे में सरकारी नौकरी करता था. वो उस नौकरी को पाना चाहती थी. उसे अनूप से कोई प्यार नहीं था. इसलिए उसने अनूप की हत्या का प्लान बनाया. ताकि अनूप के मरने के बाद उसकी नौकरी उसे मिल जाए.
एक लाख रुपये में हुआ था सौदा तय
इसके लिए उसने एक कान्ट्रैक्ट किलर से संपर्क किया. हत्या के लिए उसने कान्ट्रैक्ट किलर को एक लाख रुपये की सुपारी दी. इसमें से 25 हजार रुपये उसने हत्या से पहले ही एडवांस के तौर पर कांट्रैक्ट किलर को दे दिए. फिर प्लान के तहत कान्ट्रैक्ट किलर अपने एक साथी के साथ 31 दिसंबर 2022 के दिन उसके घर आया और उन सब ने अनूप की हत्या कर डाली. फिर उसकी लाश को जमालपुर के पास नहर में जाकर फेंक दिया. फिलहाल आरोपी पत्नी जेल में बंद है और यह केस कोर्ट में चल रहा है. वहीं, दोनों कांट्रैक्ट किलर भी जेल में बंद हैं.
बांदा में क्लर्क पति की हत्या
उत्तर प्रदेश के बांदा में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली. अतर्रा थाना क्षेत्र के नरैनी रोड कस्बा निवासी प्रदीप हिन्दू इंटर कॉलेज में क्लर्क पद पर तैनात था. 18 अप्रैल को प्रदीप का शव घर के अंदर खून से लथपथ मिला. प्रदीप की गला रेतकर हत्या की बात सामने आई. स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू की.
जांच में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ. अतर्रा पुलिस के मुताबिक, प्रदीप की पत्नी ज्योति का उससे आए दिन लड़ाई होती थी. इसी बीच ज्योति की फेसबुक पर संजय नाम के शख्स से दोस्ती हो गई. दोनों में प्रेम प्रसंग हो गया. इसके बाद ज्योति ने अपने प्रेमी संजय और उसके दोस्त राघवेंद्र के साथ मिलकर प्रदीप को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. संजय और ज्योति की मुलाकात दो साल पहले हुई थी.
प्रेमी के साथ खुलकर जीना चाहती थी
पुलिस पूछताछ में ज्योति ने बताया कि वह खुलकर अपना जीवन जीना चाहती थी. वह प्रदीप की हत्या कर उसकी जगह सरकारी नौकरी करना चाहती थी. फिर अपने प्रेमी संजय के साथ जीवन भर अय्याशी करना चाहती थी.
साजिश के तहत देवर को फंसाना चाहती थी पत्नी
18 अप्रैल को ज्योति ने अपने पति प्रदीप को खूब शराब पिलाई. इतना ही नहीं घर में लगे सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया. साथ ही सीसीटीवी कैमरे में लगा डीवीआर भी गायब कर दिया. इसके बाद अपने प्रेमी संजय और उसके दोस्त राघवेंद्र को पीछे के दरवाजे से घर में बुला लिया. इसके बाद तीनों ने मिलकर प्रदीप की निर्मम हत्या कर दी और पूरे मामले में देवर को फंसा दिया. लेकिन पुलिस ने जांच की तो पाया कि देवर बेकसूर है और असली साजिशकर्ता तो प्रदीप की पत्नी ही है. फिलहाल तीनों आरोपी जेल में बंद हैं और केस कोर्ट में चल रहा है.
प्रेमी और सरकारी नौकरी के लिए पति की हत्या
ऐसी ही साजिश का शिकार बना यूपी के रामपुर का रहने वाला राजीव कुमार. रामपुर के शहर कोतवाली निवासी राजीव कुमार खौद स्थित बिजली घर पर बातौर लाइन कुली के पद पर तैनात था. उसकी पत्नी का प्रेम प्रसंग अपने चचेरे देवर से चल रहा था. पति को पत्नी के भी प्रेम प्रसंग की भनक कुछ हद तक लग चुकी थी. जिसके बाद पति-पत्नी के बीच रोज लड़ाई होने लगी. महिला ने सोचा कि क्यों न प्रेमी के साथ मिलकर पति को ही रास्ते से हटा दिया जाए.
वो ही नहीं रहेगा तो उसकी सरकारी नौकरी भी उसे मिल जाएगी और वह अपने प्रेमी के साथ भी रह पाएगी. फिर उसने प्रेमी संग मिलकर पति राजीव कुमार को रास्ते से हटाने की साजिश रची. कांट्रैक्ट किलर्स को एक लाख 60 हजार रुपए की सुपारी दी और 27 मार्च के दिन राजीव की हत्या करवा दी.
दर्ज करवाया गुमशुदगी का केस
इससे पहले कि किसी को हत्या की भनक लगे पत्नी ने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज करवा दी. पुलिस को कुछ बातों को लेकर पत्नी पर शक हुआ. कानून के लंबे हाथ कातिल पत्नी और उसके प्रेमी के गिरेबान तक पहुंच गए. पुलिस ने हत्या के मामले मे आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस पूछताछ में पत्नी ने बताया कि उसका पति शराबी था और उसे परेशान करता था. जिसके बाद उसका अपने पड़ोसी और रिश्ते में देवर लगने वाले शख्स से अफेयर शुरू हो गया. जब इस बात की भनक राजीव को लगी तो घर में और ज्यादा लड़ाई होने लगी. फिर प्रेमी राहुल और सीमा ने मिलकर योजना बनाई कि राजीव को रास्ते से हटा दिया जाए. उसके मरने के बाद यह दोनों शादी कर लेंगे और सीमा को अपने पति की नौकरी मिल जाएगी.