
पटना में इंडिगो एयरलाइन्स के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड मामले में बिहार पुलिस की थ्योरी को परिवार पचा नहीं पा रहा है. पुलिस के दावे पर मृतक की पत्नी नीतू सिंह ने सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि उनके पति और हत्यारे के बीच कभी कोई विवाद नहीं हुआ. नीतू ने पुलिस पर किसी को बचाने और कुछ छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले साल 29 नवंबर को उनके पति और हत्यारे के बीच कोई झगड़ा हुआ ही नहीं था. अपने और अपने परिवार के लिए न्याय की मांग गुहार लगाते हुए नीतू ने कहा कि उनके पति के वाहन से एक मोटरसाइकिल के टकराने की घटना सही है पर पुलिस द्वारा जिस तरह का विवाद व झगड़ा होने का दावा किया जा रहा है, वह सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि आरोपी ने उनके पति की हत्या की होगी लेकिन कुछ अन्य कारण भी हैं जिसपर से पुलिस को पर्दा उठाना चाहिए. नीतू ने कहा कि वे पुलिस के निष्कर्ष से संतुष्ट नहीं हैं और अगर जरूरत पड़ी तो वह इस मामले की आगे की जांच की मांग करेंगी.
रूपेश की बहन अंजू सिंह ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके भाई के वाहन से मोटरसाइकिल के टकराने की घटना हुई थी. उन्होंने कहा, "मेरे भाई ने अपनी पत्नी, मुझे, माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को बताया था लेकिन वाहन में टक्कर मारने वाले व्यक्ति ने उनके भाई से कोई विवाद या हाथापाई किए बिना केवल 'सॉरी' बोलकर घटनास्थल से चला गया था."
इससे पहले पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 12 जनवरी की शाम करीब सात बजे कुछ अज्ञात हथियारबन्द अपराधियों ने जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से वापस घर आने के क्रम में इंडिगो के मैनेजर रूपेश सिंह की पुनाईचक स्थित उनके आवास कुसुम विलास अपार्टमेंट के ठीक सामने उनकी हत्या कर दी थी.
उन्होंने कहा कि इस मामले में शास्त्रीगगर थाना में आईपीसी की धारा 302 एवं 120 बी तथा 27 शस्त्र अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर एवं एक विशेष टीम का गठन कर अनुसंधान कार्य शुरू किया गया.
शर्मा ने कहा कि करीब 20 दिन के अथक परिश्रम तकनीकी अनुसंधान एवं प्राप्त सीसीटीवी फुटेज से अपराधी के हुलिये एवं उसके रामकृष्णानगर थाना क्षेत्र से संबंधित होने की जानकारी मिलने पर रितु राज नामक अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया.
उन्होंने दावा किया कि रितुराज ने रूपेश हत्याकांड के संबंध में अपनी व अपने साथियों की संलिप्तता स्वीकार की है. उन्होंने बताया कि राज ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि वह लंबे समय से मोटरसाइकिल चोरी के अपराध में संलिप्त रहा है, उसे मंहगी गाड़ियों एवं कपड़ों आदि का शौक है.
शर्मा ने बताया कि रितु राज पटना जिले के अलग-अलग थाना क्षत्रों से मोटरसाइकिल चोरी किया करता था और चोरी की मोटरसाइकिल को अपने किराये के मकान स्थित बंद गैराज में रखा करता था.
शर्मा ने कहा कि राज ने पुलिस को बताया कि पिछले साल नवंबर के लगभग अंत में, छठ पर्व के बाद वह पटेल गोलम्बर से हवाई अड्डे की ओर जा रहा था एवं दूसरी ओर से मृतक गाड़ी से आ रहा था और दोनों की टक्कर होते-होते बची थी जिसको लेकर रूपेश से उसकी कहासुनी हो गई और बात बढ़ते-बढ़ते धक्का-मुक्की तक पहुंच गई.
शर्मा के मुताबिक चूंकि उस समय आरोपी के पास चोरी की मोटरसाइकिल थी, इसलिए वह माफी मांग कर चला गया लेकिन वह बदला लेने की फिराक में था. पुलिस के मुताबिक रितु राज ने रूपेश का बाद में पीछा किया और उसका नंबर याद कर, घर का भी पता लगा लिया.
शर्मा के मुताबिक रितुराज ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर रूपेश को मारने का चार बार असफल प्रयास किया. हालांकि, 12 जनवरी को वह अपनी मंशा में सफल रहा.
शर्मा ने बताया कि रितु राज की निशानदेही पर उसके रामकृष्णा नगर थाना अंतर्गत पूर्वी कन्हाईनगर स्थित किराये के मकान से घटना में प्रयुक्त फर्जी नम्बर वाली मोटरसाइकिल, घटना में प्रयोग किए गए पोशाक, एक देसी पिस्तौल और चार कारतूस बरामद किये. उन्होंने बताया कि राज द्वारा बताये गये उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए भी लगातार टीम छापेमारी कर रही है.
वहीं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने ट्वीट कर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि रूपेश हत्याकांड में मैंने आज से 15 दिन पहले कह दिया था नीतीश कुमार जी अपने नाक के बाल और आंखों के तारे को बचाने को लिए बकरा खोज रहे हैं. आज बिहार पुलिस ने बकरा खोज ही लिया. यकीन मानिए ऐसी कहानी सी ग्रेड की घिसी-पिटी फिल्मों में भी नहीं मिलेगी. आपको पुलिस की कहानी जरूर सुननी चाहिए.
तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि जांच, दावे और रिकॉर्ड भी पुलिस के, तबादले के लिए निवेश हुए करोड़ों भी पुलिस के और पुलिस नीतीश कुमार की तथा साजिशकर्ता व हत्यारे भी इनके. कुछ समझे? नवरुणा हत्याकांड की तरह ये रूपेश हत्याकांड की भी लीपापोती करना चाहते हैं. CM किसे बचाना चाह रहे हैं?
बता दें कि रूपेश सिंह की 12 जनवरी को हत्या कर दी गई थी.