
दुमका में नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में जिला कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. विशेष न्यायाधीश सह प्रथम अपर जिला जज तौफिकुल हसन की कोर्ट ने यह सजा सुनाई है.
यह मामला 2016 का है, जहां तीन बच्चों के पिता मनोज कुमार सिंह ने एक नाबालिग से दुष्कर्म किया और बाद में शादी का प्रलोभन देकर लगातार संबंध बनाता रहा. नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद लड़की ने शादी का दबाव बनाया तो मनोज ने उसके साथ मारपीट की और उसे भगा दिया. पीड़ित ने 2018 में मुफस्सिल थाने में मामला दर्ज कराया था.
अभियोजन पक्ष ने कुल 11 गवाह को न्यायालय में प्रस्तुत किया जिसके आधार पर न्यायालय ने मनोज कुमार सिंह को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माने की रकम नहीं देने पर तीन साल अतिरिक्त कारावास की सजा होगी. अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक दिनेश कुमार ओझा थे जबकि बचाव पक्ष की ओर से वरुण मंडल ने केस की पैरवी की.
वहीं पिछले महीने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय के खंडपीठ को दुमका जिला में स्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. इसमें मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जहां दुमका जिला में भवन निर्माण विभाग को उच्च न्यायालय की खंठपीठ गठित करने को लेकर भूमि चिन्हित करने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दी. ज्ञात हो कि झारखंड उच्च न्यायालय का रांची जिला में प्रधान पीठ के अतिरिक्त राज्य के किसी भी जिले में कोई खंडपीठ कार्यरत नहीं है.