
अंकिता हत्याकांड में वनंतरा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई ने नया मोड़ ले लिया है. इस हत्याकांड में 23 सितंबर की रात लगभग 12 बजे बुलडोजर से रिजॉर्ट के कुछ हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया था. तब देर रात स्थानीय विधायक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, "मुख्यमंत्री का धन्यवाद, जिन्होंने बुलडोजर चलाने की अनुमति दी."
इसके बाद जिलाधिकारी पौड़ी ने रिजॉर्ट पर बुलडोज चलाने के मामले की जांच के आदेश SDM यमकेस्वर को दिए. जिलाधिकारी विजय कुमार जोगडंडे ने कहा, "रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने की अनुमति आखिर किसने दी, इसकी जांच कराई जा रही है."
दरअसल, अंकिता भंडारी हत्याकांड में पुलिस ने तीन आरोपियों को 22 सितंबर को गिरफ्तार किया था. आरोपियों को 23 सितंबर को कोर्ट में पेश किया था. इसके बाद 23 सितंबर की रात करीब 12 बजे गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट के कुछ हिस्से पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया गया था.
इसके बाद ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि बुलडोजर चलाकर सिर्फ अंकिता भंडारी के कमरे को ही ध्वस्त किया है. तब से इस कार्रवाई पर सवाल उठने शुरु हो गए थे.
कांग्रेस नेता शैलेंद्र सिंह रावत ने कहा, "अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया है. मुख्यमंत्री ट्वीट करते हैं कि हमने उनके हत्यारों के रिजॉर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए. जिलाधिकारी कहते हैं कि किसी का कोई आदेश नहीं है. यह कार्य भ्रमित करने वाले हैं और जांच को भी प्रभावित कर रहे हैं."
स्थानीय विधायक पर उठे सवाल
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "इस पूरे मामले पर गंभीरता से जांच करने की जरूरत है. स्थानीय विधायक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए. आखिर उनके पास कौन सा अधिकार था कि रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया."
उन्होंने आगे कहा, "स्थानीय विधायक स्वयं सोशल मीडिया पर बोल रही हैं कि माननीय मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद है कि उन्होंने बुलडोजर चलाने का आदेश जारी किया. किसी भी विधायक को यह अनुमति नहीं होती है कि लॉ एंड ऑर्डर को अपने हाथ में ले."
मामले में पौड़ी के जिलाधिकारी विजय कुमार जोगडंडे ने बताया, "इस मामले पर जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. कोटद्वार एसडीएम प्रमोद कुमार इस पर जांच करेंगे. जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी."
(रिपोर्ट- विकास वर्मा)