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केरल में सेना के अफसर पर भीड़ का हमला, NCC कैंप में फूड पॉइजनिंग का आरोप, देखें VIDEO

केरल के त्रिक्ककारा में केएमएम कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस में एनसीसी कैंप में सेना के एक अफसर की पिटाई का मामला सामने आया है. ये घटना 23 दिसंबर की देर रात को हुई, जब सीपीआई(एम)/एसएफआई की जिला प्रमुख भाग्य लक्ष्मी, बीजेपी पार्षद प्रमोद और उनके समर्थकों के नेतृत्व में भीड़ ने कैंप पर धावा बोल दिया.

एनसीसी कैंप में सेना के एक अफसर की पिटाई का मामला सामने आया है. एनसीसी कैंप में सेना के एक अफसर की पिटाई का मामला सामने आया है.
aajtak.in
  • कोच्चि,
  • 30 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

केरल के त्रिक्ककारा में केएमएम कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस में एनसीसी कैंप में सेना के एक अफसर की पिटाई का मामला सामने आया है. ये घटना 23 दिसंबर की देर रात को हुई, जब सीपीआई(एम)/एसएफआई की जिला प्रमुख भाग्य लक्ष्मी, बीजेपी पार्षद प्रमोद और उनके समर्थकों के नेतृत्व में भीड़ ने कैंप पर धावा बोल दिया. इन लोगों ने आरोप लगाया कि कैंप में फूड प्वाइजनिंग हुई है. इस वजह से कुछ कैडेट्स को इलाज के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

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जानकारी के मुताबिक, त्रिक्काक्कारा के केएमएम कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस में एनसीसी कैंप में सेना के अधिकारी पर हुए हमले के बाद जबरदस्त आक्रोश है. कैंप कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल कर्णैल सिंह ने बताया कि भीड़ ने बीती रात करीब 11:30 बजे हमला बोला था. इस दौरान दो लोगों ने ड्यूटी पर तैनात वर्दीधारी अधिकारी पर हमला किया. इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सेना के अधिकारी लगातार संयम बरत रहे हैं. 

इस वीडियो में सेना के अफसर कह रहे हैं कि उनके साथ बदतमीजी न की जाए. इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने फूड पॉइजनिंग की सच्चाई का पता लगाने के लिए कैंप से भोजन, पानी के नमूने इकट्ठा किए हैं. हालांकि, अब तक उसका कोई ठोस नतीजा साझा नहीं किया गया है. वहीं, पूरे मामले में पुलिस की कार्रवाई पर भी गंभीर सवाल खड़ा होता है. पुलिस ने इस घटना की एफआईआर त्रिक्काक्कारा पुलिस स्टेशन में दर्ज की है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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एनसीसी कैंप के अधिकारियों का कहना है कि पुलिस उल्टा उनसे आरोपियों की पहचान के लिए उनके पते और कॉन्टैक्ट नंबर देने को कह रही है. कैंप कमांडर लेफ्टिनेंट ने इस पर निराशा जताते हुए कहा कि सारे सबूत सामने हैं. वीडियो फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट भी मौजूद है. इसके बावजूद अपराधिकों को पकड़ा नहीं गया है. उन्होंने कहा कि ये घटना एक निराधार मीडिया रिपोर्ट के कारण हुई. इस रिपोर्ट में जानबूझकर फूड पॉइजनिंग की अफवाह फैलाई गई.

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