
एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मुंबई पुलिस ने 26 आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण (मकोका) के तहत कठोर धाराएं लगाई हैं. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब तक इस मामले में मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम सहित 26 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 3 आरोपियों की तलाश चल रही है.
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मकोका के तहत कठोर धाराएं लगाई गई हैं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मकोका के तहत पुलिस के समक्ष दिए गए बयान अदालत में सबूत के तौर पर स्वीकार्य हैं. मकोका के तहत किसी आरोपी के लिए जमानत हासिल करना भी मुश्किल होता है.
क्राइम ब्रांच डीसीबी सीआईडी सीआर नंबर 86/2024 के रूप में दर्ज इस मामले की जांच कर रही है. यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1), 109, 125 और 3(5) के तहत दर्ज किया गया है. इसमें आर्म्स एक्ट की धारा 3, 5, 25, 27 और एमपीए की धारा 37 और 135 भी जोड़ी गई है.
इस मामले तीन आरोपी शुभम रामेश्वर लोनकर, जीशान मोहम्मद अख्तर और अनमोल बिश्नोई वांछित आरोपी हैं. हालांकि, अनमोल को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है. भारतीय एजेंसियों उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है. अनमोल ने जीशान अख्तर के जरिए हत्या की इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया है.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (66) की 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा ईस्ट में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनके सीने में दो गोलियां लगी थीं. उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
इस हत्याकांड के बाद दो शूटरों धर्मराज कश्यप और गुरमसिंह को क्राइम सीन से ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम (20) भागने में कामयाब रहा था. उसे यूपी एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने बहराइच जिले के नानपारा से गिरफ्तार किया था.
मुख्य शूटर शिव कुमार ने पुलिस हिरासत में कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने बताया कि वो और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं. वो पुणे में स्क्रैप का काम करता था. शुभम लोनकर और उसकी दुकान आसपास थी. शुभम लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है. उसने स्नैप चैट के जरिए अनमोल से बात कराई थी.
अनमोल बिश्नोई ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए उसे 10 लाख के साथ हर महीने पैसे देने का वादा किया था. हत्या के लिए हथियार, मोबाइल और सिम शुभम लोनकर और यासीन अख्तर ने दिया था. वारदात को अंजान देने के बाद आपस में बात करने के लिए तीनों शूटरों को नए सिम और मोबाइल भी दिए गए थे.
उन तीनों ने कई दिनों तक मुंबई में बाबा की रेकी करने के बाद 12 अक्टूबर की रात उनकी हत्या कर दी. उस रोज त्योहार होने के कारण पुलिस और भीड़ थी, जिसके कारण दो शूटर मौके पर पकड़ लिए गए. लेकिन शिवकुमार वहां से फरार हो गया. उसने अपना फोन रास्ते में फेंक दिया और पुणे चला गया.
वहां से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंच गया था. रास्ते में वो लोगों के फोन मांगकर अपने साथियों और हैंडलर से बात करता रहा. उसी समय उसे पता चला कि उसके नेपाल जाने की व्यवस्था कर दी गई है. लेकिन फरार होने से पहले सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल में पुलिस हिरासत में है.