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'योगी सरकार मुझसे नाराज, खाने में जहर दे सकती है', कोर्ट में बोला बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी

यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने एक बार फिर से कोर्ट में अपनी जान के खतरे का अंदेशा जताया है. इस बार उसने कोर्ट में बोला है कि राज्य सरकार उससे नाराज है और उसके खाने में जहर मिलवा सकती है.

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो) बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
सैयद रेहान मुस्तफ़ा
  • बाराबंकी,
  • 23 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST
  • बांदा जेल में बंद है मुख्तार अंसारी
  • जान के खतरे का अंदेशा जताया

यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने एक बार फिर से कोर्ट में अपनी जान के खतरे का अंदेशा जताया है. चर्चित एम्बुलेंस कांड के मामले में गुरुवार को जब कोर्ट में सुनवाई हुई तो मुख्तार अंसारी के वकील ने उन्हें हाई सिक्योरिटी देने की मांग की. उन्होंने ये भी कहा कि राज्य सरकार उनसे नाराज हैं और उनके खाने में जहर मिलवा सकती है.

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एम्बुलेंस कांड के मामले में गुरुवार को जब बाराबंकी में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने धारा-287 के तहत हाई सिक्योरिटी मुहैया कराने की अर्जी दी. वर्चुअल पेश हुए मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से कहा, 'विधायक होने के नाते मुझे हाई सिक्योरिटी मुहैया करवा दीजिए. वैसे भी मुझसे राज्य सरकार नाराज है. कहीं खाने में जहर न मिलवा दे.' मुख्तार अंसारी ने कहा कि अगर उसे जेल में हाई सिक्योरिटी मिल जाती है तो उसके मन से डर खत्म हो जाएगा.

मुख्तार के वकील ने बताया कि जेल मैनुअल की धारा-287 के तहत हाई सिक्योरिटी मुहैया करवाने की अर्जी दी थी. उन्होंने बताया कि मुख्तार को सुरक्षा देने के मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 7 अक्टूबर तय की गई है. वकील ने बताया कि जज कमलकांत श्रीवास्तव ने कहा है कि वो इस मामले में जल्द ही फैसला लेंगे.

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पहले भी जताया है जान को खतरा

मुख्तार अंसारी को बांदा में हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है, लेकिन उनकी पत्नी और बेटे ने सुरक्षा पर सवाल खड़े किए थे. हाल ही में उनकी पत्नी ने एमपी-एमएलए कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने जेल के अंदर मुख्तार अंसारी की जान को खतरा होने का अंदेशा जताया था. इतना ही नहीं, याचिका में जेल के अंदर मुख्तार का मानसिक उत्पीड़न होने का दावा भी किया गया था.

 

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