आतंकी संगठन सिख्स फ़ॉर जस्टिस का दावा, गिरफ्तार नहीं हुआ जसविंदर सिंह मुल्तानी

आतंकी संगठन चाहे जो भी दावा करे, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि जसविंदर पर जर्मनी में शिकंजा कसा जा चुका है. कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे भारत लाने की कोशिशें जारी हैं.

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लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के पीछे भी जसविंदर सिंह मुल्तानी का हाथ माना जा रहा है लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के पीछे भी जसविंदर सिंह मुल्तानी का हाथ माना जा रहा है

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:10 PM IST
  • प्रतिबंधित आतंकी संगठन ने वीडियो में किया दावा
  • मुल्तानी के घर पर होने का वीडियो किया जारी
  • मुल्तानी हो सकता है जीवन सिंह का हैंडलर!

भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख्स फ़ॉर जस्टिस ने आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी का लाइव इंटरव्यू कर दावा किया है कि जसविंदर गिरफ्तार नहीं किया गया है. जसविंदर जर्मनी में अपने घर पर है. 

इंटरव्यू में जसविंदर कह रहा है कि वो अपने घर पर है और अलग खालिस्तान की मांग को लेकर चल रहे रेफरेंडम2020 के लिए काम कर रहा है. जसविंदर ने लाइव के दौरान रेफरेंडम 2020 लिखा हुई टी-शर्ट भी पहनी हुई है और वह कह रहा है कि 28 दिसंबर मंगलवार को वह अपने घर में बैठा हुआ है.

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आपको बता दें कि रेफरेंडम 2020 के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का दिमाग माना जाता है. सिख फॉर जस्टिस ने अलग खालिस्तान की मांग के लिए रेफरेंडम 2020 की शुरुआत की थी, जिसे पंजाब में ही समर्थन नहीं मिला और ये मुहिम फिलहाल पूरी तरह फुस्स हो गई है. सूत्र बता रहे हैं कि जसविंदर पर जर्मनी में शिकंजा कसा जा चुका है. कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे भारत लाने की कोशिशें जारी हैं.

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पंजाब में कई आतंकी वारदातों का आरोपी जसविंदर ही है. लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट में भी उसका हाथ बताया जाता है. आरोप है कि वह पंजाब में ड्रोन के जरिए IED डिलीवर करवाता है. फरवरी 2021 में सिंघु बोर्डर पर किसान नेता बलबीर राजेवाल की हत्या की साजिश भी उसी ने रची थी.

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जसविंदर सिंह मुल्तानी ने 27 फरवरी 2021 को दिल्ली के सिंघु बोर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के मर्डर का प्लान बनाया था. मुल्तानी इससे पहले भी खासकर पंजाब में कई भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है.

जसविंदर की साजिश का हिस्सा तो नहीं जीवन सिंह!

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 27 फरवरी, 2021 को खालिस्तान कमांडो फोर्स के एक सदस्य को दिल्ली की नरेला अनाज मंडी के गेट नंबर 1 से गिरफ्तार किया था. जिसे जर्मनी स्थित हैंडलर द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों के लिए हथियारों की व्यवस्था करने का काम सौंपा गया था. वह पंजाब के अमृतसर में एक केस में वांछित भी है. उसकी पहचान 26 वर्षीय जीवन सिंह पुत्र संतोख सिंह निवासी अचकन, जिला मनसा (पंजाब) के तौर पर हुई थी. 

आरोपी जीवन के खिलाफ पंजाब के अमृतसर में एफआईआर संख्या 06/2021 दर्ज है. इसी वजह से वो आईपीसी और आर्म्स एक्ट, पीएस एसएसओसी के मामलों में वहां वॉन्टेड था. उसके खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, अमृतसर की अदालत 19 फरवरी 2021 को गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था.

लेकिन जीवन सिंह फरार हो चुका था. वो महाराष्ट्र, एमपी और पंजाब में इधर-उधर भागता घूम रहा था. इसी दौरान उसे भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियारों की व्यवस्था करने के लिए विदेशी में बैठे खालिस्तान कमांडो फोर्स के हैंडलर से निर्देश मिल रहे थे. जिसके चलते उसने पंजाब में अपने काउंटर पार्ट्स पर हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था की. इसी मामले में वो वॉन्टेड था.

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26 फरवरी, 2021 को एक सूत्र के माध्यम से स्पेशल सेल को सूचना मिली कि जीवन सिंह अपने एक सहयोगी से मिलने करनाल आने वाला है. इसी के अधार पर एक टीम करनाल की ओर रवाना हो गई. लेकिन करनाल में मुखबिर ने बताया कि जीवन सिंह दिल्ली की ओर चला गया है. फिर टीम वापस दिल्ली की ओर आ गई. सिंघु बॉर्डर इलाके में पहुंचने पर मुखबिर ने बताया कि जीवन 27 फरवरी 2021 की सुबह करीब 7 बजे दिल्ली की नरेला अनाज मंडी के पास अपने सहयोगी से मुलाकात करेगा.

इस जानकारी को आधार बनाकर स्पेशल सेल ने नई अनाज मंडी के पास जाल बिछाया और आरोपी जीवन सिंह को भोरगढ़ गांव की ओर से नई अनाज मंडी के पास समय गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी धारा 41.1 (बी) सीआरपीसी के तहत की गई थी. 

आरोपी जीवन सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह स्कूल नहीं जा सका और इसलिए वह अनपढ़ है और मजदूरी के काम में अपने माता-पिता की मदद करता है. 2015-2016 में, उसने हार्वेस्टर ऑपरेटर का काम सीखा और अपने बड़े भाई गुरजीत सिंह के साथ गुजरात और हरियाणा में हार्वेस्टिंग ऑपरेशन में शामिल हो गया.

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जनवरी 2020 में, उसे मनसा में भोआ थाना पुलिस ने चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया. जमानत पर छूटने के बाद उसने कटाई का काम फिर से शुरु कर दिया. हालांकि उसने बंदूकों को अवैध धंधा भी शुरू कर दिया था. जुलाई 2020 में, उसे फिर से भोआ थाना पुलिस ने शस्त्र अधिनियम के एक मामले में गिरफ्तार किया था.

अब फिलहाल वह जमानत पर है. दिसंबर 2020 में वह कटाई के काम के लिए महाराष्ट्र गया था. जहां वो मध्य प्रदेश के कुछ शस्त्र डीलरों के संपर्क में आया और उसने हथियारों का व्यापार करना शुरू कर दिया. वह अवैध हथियारों की सप्लाई करने वालों से हथियार खरीद कर पंजाब में बेचता था. 

 

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