Advertisement

UP: बरेली में 'लव जिहाद' के आरोप में पहली FIR, नए कानून के तहत केस दर्ज

उत्तर प्रदेश में गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद बरेली में इसके तहत पहला मामला दर्ज किया गया है. बरेली में 'लव जिहाद' के आरोप में नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है.

 यूपी पुलिस में नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज (फाइल फोटो-PTI) यूपी पुलिस में नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज (फाइल फोटो-PTI)
कुमार अभिषेक/कृष्ण गोपाल राज
  • लखनऊ,
  • 29 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST
  • नए कानून के तहत बरेली में पहला केस दर्ज
  • आरोपी पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है
  • मामले में आरोपी फरार, तलाश रही है पुलिस

उत्तर प्रदेश में गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद बरेली में इसके तहत पहला मामला दर्ज किया गया है. बरेली में 'लव जिहाद' के आरोप में नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है. 

पुलिस के मुताबिक लव जिहाद के आरोप में बरेली के थाना देवरनिया में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी पर जबरन धर्मांतरण करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है. फिलहाल आरोपी घर से फरार है. उबैस नाम के युवक पर लड़की को बहला फुसला कर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया गया है.

Advertisement

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पारित अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को मंजूरी दी थी, जिसके साथ यह कानून यूपी में लागू हो गया. इस कानून के लागू होने के बाद बरेली में पहला मामला इसके तहत दर्ज किया गया है. पुलिस इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास में है.  

उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 24 नवंबर को लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दी थी. हालांकि इसमें कहीं भी लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है लेकिन यह कहा गया है कि गैर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने पर एक्शन लिया जाएगा. फिलहाल, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के इस अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद यह कानूनी रूप ले चुका है. इसे 6 महीने के अंदर राज्य सरकार को विधानसभा से पास कराना पड़ेगा.

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

जुर्म साबित होने पर क्या होगा?

उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन चुका है. इसके तहत मिथ्या, झूठ, जबरन, प्रभाव दिखाकर, धमकाकर, लालच देकर, विवाह के नाम पर या धोखे से किया या कराया गया धर्म परिवर्तन अपराध की श्रेणी में आएगा. 

हालांकि धर्म परिवर्तन कराने या करने के मामलों में अगर एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन नहीं किया गया तो इसका सबूत देने की जिम्मेदारी आरोपी शख्स की होगी. यदि कोई केवल शादी के लिए लड़की का धर्म परिवर्तन करता है या कराता है तो ऐसे में उस शादी शून्य माना जाएगा. इसका मतलब हुआ कि ये कि ऐसी शादी कानून की नजर में अवैध होगी. कानूनी प्रावधानों के मुताबिक इसके उपबंधों का उल्लंघन करने पर कम से कम एक साल और अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही कम से कम 15 हजार रुपये का जुर्माना भी है.
 

सपा जता चुकी है विरोध

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव नए अध्यादेश को लेकर विरोध दर्ज करा चुके हैं. अखिलेश यादव का कहना था कि बीजेपी सरकार के लोगों से अच्छा झूठ कोई और नहीं बोल सकता. उन्होंने कहा कि अगर कानून ही बना रहे हो तो ऐसा कानून बना दो जिससे किसानों की आय दोगुनी हो जाए. योगी सरकार के नए कानून पर अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ऐसे किसी कानून के पक्ष में नहीं है. सपा इसका विरोध करेगी.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement