
बेंगलुरु ब्लास्ट मामले में एक और खुलासा हुआ है. इस मामले में आरोपी की जो सीसीटीवी फुटेज सामने आई है उनमें दिख रहा है कि आरोपी ने के दो घंटे के अंदर कपड़े बदले थे. आरोपी की 3 अलग-अलग CCTV फुटेज सामने आए हैं जिसमें आरोपी का तीन अलग-अलग हुलिया नजर आ रहा है.जांच एजेंसी भी आरोपी के शातिराना अंदाज से हैरान हैं.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट को बड़ी प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया.आतंकी धमाका करने के बाद भी आरोपी बिल्कुल हड़बड़ी में नहीं था और ठंडे दिमाग से बाहर कदम रख रहा था. रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके को एक सप्ताह हो चुका है लेकिन अभी तक आरोपी पकड़ से बाहर है. NIA ने संदिग्ध मास्क बॉम्बर का सुराग देने वाले को दस लाख इनाम की घोषणा की है.
ब्लास्ट से पहले का वीडियो
सीसीटीवी के मुताबिक, ब्लास्ट से पहले संदिग्ध 11:43 पर रामेश्वरम कैफ़े में IED रख के निकलता है. उस के चंद मिनट बाद BMTC की बस संख्या KA 01F4517 पर सवार होता है. यहां पर उसने फ़ुल स्लीव की शर्ट और लाईट कॉलर की पोलो कैप लगा रखी है, आंखों पर चश्मा और चेहरे पर मास्क भी है.
ब्लास्ट के बाद का वीडियो (दोपहर करीब 2 बजे)
इस के बाद 02:04 PM पर संदिग्ध बस संख्या KA57F4233 में दिखायी देता है और यहां उसने पर्पल कलर का हाफ T शर्ट और ब्लैक कैप पहन रखा है. चेहरे पर मास्क तो है पर चश्मा अब ग़ायब है.
ब्लास्ट के बाद का वीडियो (रात के 9 बजे का)
इसके बाद आरोपी बेल्लारी सेंट्रल बस स्टैंड के सीसीटीवी में करीब 9 बजे कैप्चर होता है इसमें आरोपी ने टोपी नहीं पहनी है और ना ही चश्मा पहना है.ब्लास्ट से पहले और बाद के सीसीटीवी को देखने पर पता चलता है की आरोपी लगातार अपना हुलिया बदल रहा है.आरोपी ने ब्लास्ट के बाद बेंगलुरु में ही अपने कपड़े बदले थे यानी साफ है आरोपी रामेश्वरम कैफे और उसके आस पास के रूट से पूरी तरह वाकिफ था.
एक मार्च को हुआ था ब्लास्ट
आपको बता दें कि बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च यानि शुक्रवार को दोपहर करीब 1 बजे बम विस्फोट हुआ था इसमें 10 लोग घायल हो गए थे. धमाका होते ही अंदर धुआं भर गया और जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने नजर आए थे. शुरू में लोगों को लगा कि शायद ये सिलिंडर ब्लास्ट है, लेकिन जब पुलिस और NIA की टीम मौके पर पहुंची तो शक की सूई दूसरी ओर घूम गई. इसके बाद केस पूरी तरह NIA को सौंप दिया गया.
संदेह है कि यह विस्फोट इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के जरिए किया गया है. इसके तुरंत बाद कर्नाटक पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत केस दर्ज किया था.
खुफिया एजेंसियों को शक है कि इस ब्लास्ट केस में दोनों आतंकियों की अहम भूमिका है. इनके नाम जुनैद और सलमान बताए जा रहे हैं. आजतक/इंडिया टुडे को सूत्रों से जानकारी मिली है कि दोनों इस वक्त अजरबैजान में मौजूद हैं. दोनों की लोकेशन पहले दुबई में मिली थी, लेकिन बाद में वो वहां से फरार हो गए. दोनों लश्कर मॉड्यूल के सदस्य बताए जा रहे हैं. जुलाई में खुफिया एजेंसियों ने बेंगलुरु में लश्कर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. इसमें छह लोग गिरफ्तार किए गए थे.