
बेंगलुरु में ब्रुकफील्ड इलाके के रामेश्वरम कैफे में हुए ब्लास्ट की जांच कर रही एनआईए संदिग्ध हमलावर के काफी करीब पहुंच चुकी है. उसकी पहचान कर ली गई है. उसके बारे में कई अहम सुराग मिले हैं. एनआईए और सीसीबी उसे कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. एनआईए ने उसके सिर पर 10 लाख के इनाम का ऐलान किया था.
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि एक मार्च को हुए विस्फोट की जांच कर रहे एनआईए और पुलिस के अधिकारियों ने एक तरह से संदिग्ध की पहचान कर ली है. उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जांचकर्ता संदिग्ध की पहचान की पुष्टि कर रहे हैं. उसके करीब पहुंच चुके हैं. वो बहुत जल्द गिरफ्त में होगा.
उन्होंने कहा, "इस केस की जांच चल रही है. हम बहुत करीब पहुंच चुके हैं. एक तरह से वो व्यक्ति (संदिग्ध) कौन है, इसकी पहचान कर ली गई है. बस इसकी पुष्टि की जानी है और उसे पकड़ना है. एनआईए और सीसीबी की टीम एक साथ मिलकर जांच में लगे हैं. उन्हें बहुत अच्छे सुराग मिल चुके हैं."
बताते चलें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में संदिग्ध हमलावर के बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपए का नकद इनाम देने की घोषणा की थी. एनआईए ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) हैंडल पर कैफे में प्रवेश करते समय टोपी, मास्क और चश्मा पहने संदिग्ध हमलावर की तस्वीर पोस्ट की थी. इसके साथ ही एजेंसी ने फोन नंबर और ईमेल साझा किए थे, जहां लोग अज्ञात व्यक्ति के बारे में जानकारी भेज सकते हैं.
एनआईए ने भरोसा दिया कि संदिग्ध के बारे में सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. इस केस की जांच एनआईए कर रही है. उससे पहले इस ब्लास्ट केस की जांच कर्नाटक पुलिस की सीसीबी कर रही थी. जो अब इस केस में एनआईए का सहयोग कर रही है. इस ब्लास्ट में कम से कम 10 लोग घायल हो गए थे. इसमें विस्फोट इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का इस्तेमाल किया गया था.
लश्कर मॉड्यूल के दो आतंकियों की तलाश
खुफिया एजेंसियों को शक है कि इस ब्लास्ट में दो आतंकियों की भी अहम भूमिका है. इनके नाम जुनैद और सलमान हैं. आजतक/इंडिया टुडे को सूत्रों से जानकारी मिली है कि दोनों इस वक्त अजरबैजान में मौजूद हैं. दोनों की लोकेशन पहले दुबई में मिली थी, लेकिन बाद में वो वहां से फरार हो गए. दोनों लश्कर मॉड्यूल के सदस्य बताए जा रहे हैं. जुलाई में खुफिया एजेंसियों ने बेंगलुरु में लश्कर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. इसमें छह लोग गिरफ्तार किए गए थे.
आरोपियों के पास से जो हथियार बरामद हुए थे, उसे लश्कर-ए-तोएबा के आतंकी सलमान ने भिजवाया था. इस मॉड्यूल फंडिंग जुनैद ने की थी. दोनों कर्नाटक की जेल में एक कुख्यात आतंकी टी-नजीर से मिले थे. उसने ही इन दोनों का ब्रेन वॉश करके आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित किया था. इस मॉड्यूल का नेटवर्क कर्नाटक, केरला और महाराष्ट्र में फैला हुआ है. इसके मद्देनजर एनआईए ने बीते मंगलवार सात राज्यों में 17 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था.
मैंगलुरू कनेक्शन और IED का इस्तेमाल
रामेश्वर कैफे में हुए धमाके की तफ्तीश करने उतरी पुलिस को एक पुराने धमाके की याद ताजा हो गई. दो साल पहले वो धमाका कर्नाटक के मैंगलुरु में हुआ था. लेकिन तब ये ब्लास्ट एक प्रेशर कुकर से किया गया था. 19 नवंबर 2022 को मंगलुरु में ऑटो उस वक्त ब्लास्ट हुआ था जब शारिक नाम का संदिग्ध कुकर में IED बम लेकर जा रहा था. कैफे ब्लास्ट में जिस तरह का IED इस्तेमाल किया गया था, उसी तरह मैंगलुरु में हुए कुकर ब्लास्ट में किया गया था.
बेंगलुरु में हाई प्रोफाइल ब्रुकफील्ड इलाके में स्थित रामेश्वरम कैफे काफी मशहूर है. यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं. शायद यही वजह है कि धमाके के लिए इस जगह को चुना गया था. इस धमाके में 10 लोग घायल हुए थे. धमाका होते ही अंदर धुआं भर गया और जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने नजर आए थे. शुरू में लोगों को लगा कि शायद ये सिलिंडर ब्लास्ट है, लेकिन जब पुलिस और NIA की टीम मौके पर पहुंची तो शक की सूई दूसरी ओर घूम गई.