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Bhaiyyu Maharaj आत्महत्या केस में 3 दोषी करार, शिष्या पलक और दो सेवादार कर रहे थे प्रताड़ित

Bhaiyyu Maharaj suicide Case: बहुचर्चित भय्यू महाराज सुसाइड मामले में इंदौर कोर्ट ने फैसला दिया है. इसमें तीन लोगों को दोषी माना गया है. इसमें शिष्या पलक और दो सेवादार शामिल हैं.

भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में तीन दोषी करार भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में तीन दोषी करार
रवीश पाल सिंह
  • इंदौर,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:25 PM IST
  • भय्यू महाराज ने 2018 में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी
  • सजा पाने वाले लोगों को 2019 में गिरफ्तार किया गया था

भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में इंदौर कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. उसने मध्यप्रदेश के बहुचर्चित भय्यू महाराज सुसाइड मामले में तीन लोगों को दोषी माना है. इंदौर जिला कोर्ट ने मुख्य सेवादार विनायक, ड्राइवर शरद और शिष्या पलक को दोषी ठहराया है. तीनों को छह-छह साल की सजा हुई है.

बता दें कि भय्यू जी महाराज ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से साल 2018 में 12 जून को सुसाइड कर लिया था.

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तीनों को भय्यू महाराज को सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में दोषी माना गया है. कोर्ट ने माना कि आरोपी महाराज को पैसों के लिए प्रताड़ित करते थे. कोर्ट ने शिष्या पलक, शरद और विनय को आईपीसी के सेक्शन 306 के तहत दोषी माना है. इसमें पलक उनकी शिष्या है. वहीं विनायक उनका सेवादार और शरद ड्राइवर था.

इंदौर में भय्यू महाराज खुदकुशी मामले में पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को साल 2019 की जनवरी में गिरफ्तार किया था. तब भी यह जानकारी सामने आई थी कि तीनों मिलकर महाराज का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे थे. भैय्यूजी महाराज ने भी अपने सुसाइड नोट में विनायक का जिक्र किया था क्योंकि वो भैय्यूजी का 16 साल पुराना वफादार सेवक था.

भय्यू महाराज की आत्यहत्या के बाद इस मामले में बेटी कुहू और दूसरी पत्नी आयुषी के बीच विवाद को प्रचारित किया गया था. लेकिन बाद में जांच हुई थी सच सामने आ गया कि उनके सबसे करीबी ही उनकी जान के दुश्मन निकले.

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