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बिहार में 3 साल में 27 फीसदी तक घट गईं हत्या की वारदात, जंगलराज के आरोपों के बीच पुलिस ने जारी किए आंकड़े

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से बीजेपी सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर हमलावर है. वह सरकार को लगातार प्रदेश में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रही है. हालांकि सरकार हाल में जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देकर अपराध के कंट्रोल होने का दावा कर रही है.

एडीजी मुख्यालय ने जारी किए अपराध के आंकड़े (सांकेतिक तस्वीर) एडीजी मुख्यालय ने जारी किए अपराध के आंकड़े (सांकेतिक तस्वीर)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 09 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

बिहार में लगातार अपराध में कमी आ रही है. एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने खुद शुक्रवार को प्रदेश में अपराध की दर में कमी आने का दावा किया है. उन्होंने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि राज्य में 2021 के मुकाबले हत्या की वारदात में काफी कमी आई है. 2019 में मर्डर के जहां 3138 मामले दर्ज किए गए थे वहीं 2020 में यह आंकड़ा घटकर 3150 और 2021 में 2279 पर पहुंच गया.

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उन्होंने दहेज हत्या को लेकर बताया कि 2019 में 1120 मामले सामने आए थे, जो 2020 में घटकर 1046 और 2022 में 1000 तक आकर सिमट गए. वहीं 2019 में 43 किडनैपिंग की घटनाएं हुई थीं, जो 2020 में घटकर 42 और 2021 में 37 तक पहुंच गईं. वहीं केवल हत्या की बात की जाए तो बिहार 12वें स्थान पर है, जो अन्य प्रदेशों की तुलना में काफी कम है.

गंगवार ने बताया कि रेप के मामलों में भी काफी कमी देखने को मिली है. 2019 के मुकाबले 2021 में रेप के महज 786 मामले सामने हैं. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखा जाए तो बिहार का अन्य प्रदेशों की तुलना में  24वां स्थान  आता है. 

इसलिए बिहार में कंट्रोल में हो रहा अपराध

जितेंद्र गंगवार ने बताया कि 112 नंबर लॉन्च होने से अपराध कंट्रोल में है. साथ ही ऑपरेशन प्रहार भी अपराध रोकने में काफी कारगर साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में लागातार पुलिस बलों को बढ़ाया जा रहा है. नई-नई भर्तियां हो रही हैं. हर थान को दो-दो गाड़ियां दी गई हैं. किसी थाने में तो इसकी संख्या ज्यादा है.

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उन्होंने यह साफ कर दिया है कि अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में अपराध की दरों में लगातार कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि बिहार के हर जिले में लगातार सघन छापेमारी और गस्ती के कारण अपराध के दरों में गिरावट आई है.

बिहार में पहले के मुकाबले अपराध घटा

वहीं डीजीपी अशोक सिंघल ने समस्तीपुर में विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. यहां जब उसने बिहार में बढ़ते अपराध पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले बिहार में अपराध घटे हैं. ये हम नहीं, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट कह रही है. हम सिर्फ तथ्यों की बात ही करते हैं. तथ्य और आंकड़े ऐसे किसी भी बात से इत्तेफाक नहीं रखते है कि अपराध बहुत बढ़े हैं. 

डीजीपी ने आगे कहा, "बिहार की जिस 20 मामलों में एनसीआरबी की रैंकिंग है, उसमें एक-दो मामलों को छोड़ दिया जाए तो अपराधों में कमी आई है. ये बिहार पुलिस के मेहनत का नतीजा है. इस साल भी हमारी पुलिस आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए काम कर रही है.

शराब माफिया पर लगातार हो रही कार्रवाई

डीजीपी सिंघल ने कहा कि शराब माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है. इस मामलें में बड़े-बड़े लोग शामिल हैं. उनको पकड़ कर अवैध  रूप से शराब को लाने से रोका जाएगा. इस कड़ी में इस साल बंगाल, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश से 62 बड़े-बड़े कारोबारियों को पकड़ा गया है. 

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बिहार में पुलिस पर हुए हमले के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि ऐसे 239 अपराधियों को चिन्हित कर उनपर कड़ा एक्शन लिया गया है. भूमि माफियाओं पर भी नकेल कसने के लिए कार्रवाई की जा रही है. इस पर बहुत हद तक अंकुश लगाया गया है.

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