
बिजनौर में कांवड यात्रा के दौरान भगवा साफा बांधकर एक साथ तीन मजारों को तोड़ने की कोशिश में गिरफ्तार दो सगे भाइयों को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है. बिजनौर की घटना में शामिल दोनों भाइयों का नाम कमाल और आदिल था. कुछ ऐसी ही घटना बीते अप्रैल महीने में अयोध्या में हुई थी. जब कुछ हिंदू लड़कों ने अयोध्या शहर कोतवाली में रमजान के मौके पर जालीदार टोपी पहन एक साथ पांच जगहों पर मस्जिद के बाहर धार्मिक पुस्तक फाड़ने और आपत्तिजनक मांस फेंकने का अपराध किया था.
पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, सभी आरोपी हिंदू थे. अयोध्या और बिजनौर की घटना में दोनों ही जगहों पर दूसरे धर्म के प्रतीक चिह्न पहनकर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाते हुए सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने, दंगा फैलाने की कोशिश की गई थी. अयोध्या और बिजनौर में गिरफ्तार आरोपियों पर किन धाराओं पर कार्रवाई हुई, यह जानना जरूरी है.
हाल ही में बिजनौर के शेरकोट थाना क्षेत्र में भगवा रंग का साफा पहन कर दो सगे भाइयों मोहम्मद कमाल और आदिल ने तीन मजारों को तोड़कर धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश की थी. पुलिस ने इस मामले में दोनों ही भाइयों पर आईपीसी की धारा 153A,436,427,452,295 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
पहले IPC की इन धाराओं का मतलब समझिए.
153A समाज में धार्मिक वैमनस्यता फैलाना और आपसी सौहार्द्र व सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करना.
436 घातक चीज से किसी के घर या निर्माण कार्य को नष्ट करना.
427 ₹50 से अधिक का नुकसान करना.
452 जबरन किसी के घर में घुसना.
295 किसी दूसरे धर्म के धार्मिक स्थल, पूजा घर को अपमानित करना.
ऐसी ही घटना अयोध्या में अप्रैल में हुई थी. 26 अप्रैल को अयोध्या में हिंदू लड़कों के द्वारा मस्जिद के बाहर धार्मिक पुस्तक को फाड़ने और आपत्तिजनक मांस फेंककर कर सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की घटना में आईपीसी की धारा 295, 295A, 120B और 34 के तहत केस दर्ज हुआ था.
अब IPC की इन धाराओं को समझिए.
295 किसी दूसरे धर्म के धार्मिक स्थल, पूजा घर को अपमानित करना.
295A जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काना.
120B साजिश रचना.
34 समान उद्देश्य के साथ इकट्ठा होकर किसी अपराध को करना.
इन दोनों ही केसों में जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुए उनमें अधिकत्तम 10 साल की सजा हो सकती है.
295 2 साल की सजा और जुर्माना.
295A 3 साल की सजा व जुर्माना.
153A 3 साल की सजा.
436 10 साल की सजा.
427 2 साल की सजा.
452 7 साल की सजा.
फिलहाल बिजनौर मामले में पुलिस ने दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इनसे प्रारंभिक पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर विवेचना की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में दर्ज हुए केस में सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट भी लगा दिया गया है.