
झारखंड के बोकारो में 2014 के चर्चित संतोष पांडे हत्याकांड में आज मंगलवार को जिला जज प्रथम राजीव रंजन ने झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के भाई बैजनाथ महतो समेत 7 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अन्य दोषियों में गणेश भारती, नेमी पुरी, कैलाश पुरी, जितेंद्र पुरी, नीरज पुरी और केवल महतो शामिल हैं. सभी सातों अभियुक्तों को सजा सुनाए जाने के बाद तेनुघाट जेल भेज दिया गया है.
मालूम हो कि सूचक अनंत लाल पांडे के लिखित आवेदन पर नावाडीह थाना कांड संख्या 55/14 दर्ज किया गया था, जिसमें अनंत लाल पांडे ने अपने आवेदन में बताया कि उसके छोटे भाई संतोष कुमार पांडे की हत्या पीट-पीटकर कर दी गई थी.
2014 में डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो के आवास के सामने मंदिर के समीप जनता दरबार लगाकर संतोष पांडे की माओवादियों के स्टाइल में पिटाई की गई थी जिसमें विधायक के भाई बैजनाथ महतो की अगुवाई में जितेंद्र पुरी, नेमी पुरी, गणेश भारती, कैलाश पुरी, केवल महतो, मेघलाल पुरी और सूरज पुरी द्वारा अमानवीय ढंग से बुरी तरह से पीटा गया.
मार-मार कर बेहोश कर दिया
आरोप लगाया गया कि इन लोगों द्वारा सूचक अनंत लाल पांडे के भाई को मारते-मारते बेहोश कर दिया गया. उसे इलाज के लिए डीवीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. यह घटना 20 मार्च 2014 को घटी थी.
उक्त बयान के आधार पर नावाडीह थामला में मामला दर्ज किया गया. अनुसंधान के क्रम में पश्चात 10 अभियुक्तों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया. अनुसंधान के बाद हत्या के मामले में 10 अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दर्ज किया गया. आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम राजीव रंजन के न्यायालय में आया. जहां सभी 10 अभियुक्तों के विरुद्ध हत्या की धारा 302/34 में आरोप गठन किया गया.
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34 गवाहों के बयान
अभियोजन की ओर से 34 गवाहों का बयान न्यायालय में दर्ज किया गया. गवाहों के बयान, उपलब्ध साक्ष्य एवं परिस्थिति को देखते हुए न्यायालय में दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपने-अपने पक्ष रखे, जिसमें न्यायालय ने सात अभियुक्तों को हत्या के मामले में दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई.
मालूम हो कि तीन अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में पहले ही रिहा किया जा चुका है. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक संजय कुमार सिंह और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण डे, कुमार अनंत मोहन सिन्हा एवं अरुण कुमार सिन्हा ने पक्ष रखा. सजा सुनाए जाने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार अनंत मोहन सिन्हा ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. (इनपुट-संजय)