
बंगाल में इन दिनों चुनाव का दौर है. ऐसे में बीएसएफ ने बुधवार को इंटेलीजेंस से मिली बॉर्डर से होने वाली घुसपैठ की जानकारी के बाद एक खुफिया अभियान चलाया. जिसके तहत टीम ने देर रात तीन बजे दो से तीन घुसपैठियों को बॉर्डर के पास देखा. ऐसे में जैसे ही टीम ने घुसपैठियों को वहीं रुकने और सरेंडर करने को कहा, वो भाग निकले. लेकिन इस दौरान उनके साथ एक नाबालिग लड़की को बीएसएफ की टीम ने अपनी हिरासत में ले लिया.
हिरासत में ली गई नाबालिग लड़की को पूछताछ के लिए बॉर्डर आउट पोस्ट, झोरपारा लाया गया. जांच के दौरान लड़की ने अपना नाम तनु बेगम (बदला हुआ नाम) बताया. वहीं उसने बताया कि उसकी उम्र 15 साल है और वो ढाका के फरीदपुर की रहने वाली है.
तनु ने खुलासा किया कि वह बखुंडा में एक जूट मिल में काम कर रही थी और प्रति माह 6000 रुपए कमा रही थी. उसने बताया कि जब वह 13 साल की थी तब अबुल बसर नाम के युवक के साथ उसकी शादी हुई. इस दौरान वह जूट मिल के पास फरीदपुर में बस गई थी.
लड़की ने बताया कि शादी के एक साल बाद से ही, उसका पति, सास और सौतेली मां उसके साथ नियमित रूप से मारपीट करते थे. नतीजतन, वह अपने जीवन में अकेला महसूस कर रही थी. इस दौरान उसकी मुलाकात मैना शेख से हुई, जिसने उसे भारत में ब्यूटी पार्लर के काम में अधिक पैसा कमाने के लिए प्रेरित किया और भारत में भी बसने के लिए कहा.
लड़की ने बताया कि इसी के चलते वह मैना शेख के साथ भारत में घुसी, लेकिन बीएसएफ के सैनिकों ने उसे पकड़ लिया. जानकारी के मुताबिक बचाई गई नाबालिग बांग्लादेशी लड़की को मानवीय आधार पर बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड को सौंप दिया गया है.