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प्रेम प्रसंग में हत्या या गैंगरेप? रात में हुई लड़की की अंतेष्ठी... जानें बुलंदशहर केस में क्या-क्या हुआ

बुलंदशहर में 21 जनवरी को एक युवती की संदिग्ध मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि लड़की का अपहरण करके गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई. पुलिस गैंगरेप के आरोप को नकार रही है.

लड़की की संदिग्ध मौत के मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार लड़की की संदिग्ध मौत के मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार
मुकुल शर्मा
  • बुलंदशहर,
  • 04 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST
  • बुलंदशहर में नाबालिग की संदिग्ध मौत
  • परिजनों ने गैंगरेप का लगाया इल्जाम

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 21 जनवरी को एक युवती की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. परिजनों का आरोप है कि युवती का अपहरण करने के बाद सामूहिक बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी. पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगे हैं. आरोपों के मुताबिक पुलिस ने परिजनों पर दबाव बनाकर रात में ही शव का अंतिम संस्कार करवा दिया था.

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दरअसल, छतारी थाना क्षेत्र के एक गांव में 21 जनवरी की दोपहर में एक नाबालिग युवती की संदिग्ध मौत हो गई. पुलिस का दावा है कि लड़की का जिस लड़के के साथ प्रेम संबंध था, उसने ही लड़की की हत्या कर अपने हाथ और गले की नसों को काटकर आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन उपचार के बाद लड़का बच गया तो उसको गिरफ्तार कर लिया गया.

लड़की के परिजनों का आरोप- गैंगरेप के बाद हुई हत्या

वहीं लड़की के परिजनों का आरोप है कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है और पहचान छिपाने के डर से उसकी हत्या कर दी गई है. परिजनों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. जैसे- मृतका का वृद्ध नाना और नानी से फौरी तौर पर पहचान करा कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया और घटनास्थल से 500 मीटर दूरी तक भी किसी को जाने नहीं दिया गया.

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'रात में अंतेष्ठी करने का बनाया गया दबाव'

परिजनों का यह भी कहना है कि पुलिस ने उनसे पोस्टमार्टम हाउस पर सुबह आकर शव ले जाने के लिए कहा, लेकिन बाद में पुलिस ने परिजनों पर रात में ही शव का अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव बनाया, जिस पर परिजनों ने रात्रि में ही अंतिम संस्कार कर दिया. इन आरोपों को पुलिस सिरे से खारिज कर रही है.

'शव को खुद ही श्मशान घाट तक लेकर गए पुलिसवाले'

बुलंदशहर पुलिस का कहना कि अंतिम संस्कार के किसी वीडियो या किसी फोटो में पुलिसकर्मी नहीं है, लेकिन परिजन कह रहे हैं कि कुछ दूर तक पुलिस की गाड़ी शव यात्रा के साथ थी, उसके बाद खुद ही शव को श्मशान घाट तक लेकर गए थे और पुलिस ने रात्रि में ही अंतिम संस्कार करने का दबाव बनाया था.

पुलिस की ओर से दर्ज की गई FIR पर भी सवाल

पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर भी सवालों के घेरे में है. लड़की के नाना-नानी की तहरीर की बजाय पुलिस ने उसके चाचा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है. नाना-नानी का कहना है कि मृतका का चाचा बिल्कुल पढ़ा लिखा नहीं है और उसने कैसे लिख कर दिया. 22 जनवरी को नाना-नानी ने अपनी तहरीर में कुछ लोगों को नामजद भी किया था.

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'परिजनों पर दबाव बना रहे थे पुलिसवाले'

नाना-नानी की तहरीर पर एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद 25 जनवरी में एसएसपी कार्यालय पर सभी इकट्ठा भी हुए थे लेकिन पुलिस का जवाब यही था कि मामले में जांच की जा रही है और जांच के आधार पर कार्यवाही होगी. मृतका के पिता ने कहा, 'अंतिम संस्कार करने के लिए पुलिस वाले दबाव बना रहे थे और कह रहे थे कि आप केस में फंस जाएंगे.'

पुलिसिया कार्रवाई से नाखुश हैं परिजन और ग्रामीण 

मृतका के मामा का भी कहना है, 'यदि हत्या ही करनी होती तो आरोपी कहीं भी कर सकता था लेकिन हाथ पैर बांधकर उसके साथ गलत काम किया गया है और पहचान छिपाने के डर से हत्या की गई है, उसके शरीर पर निशान भी थे.' गांव के अन्य युवक भी परिजनों के साथ हामी भर रहे हैं और पुलिसिया कार्रवाई से नाखुश हैं.

बैकफुट पर पुलिस, जांच रिपोर्ट का कर रही है इंतजार

इस मामले में बुलंदशहर पुलिस अब बैकफुट पर नजर आ रही है. पहले पुलिस मामले को प्रेम प्रसंग बताकर चल रही थी, लेकिन अब दबी जुबान में कह रही है कि जैसे-जैसे जांच बढ़ रही है, वैसे-वैसे सच्चाई सामने आयेगी और कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने इस मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

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बुलंदशहर केस बना सियासी मुद्दा

गैंगरेप के आरोपों पर बुलंदशहर पुलिस का कहना है कि हम डीएनए समेत सभी जरूरी टेस्ट कराएंगे. खैर इस मामले ने जब से तूल पकड़ा है, तब से राजनीतिक दलों ने भी इसे मुद्दा बना दिया है. जयंत चौधरी और अखिलेश यादव के योगी सरकार पर हमले के बाद गुरुवार को खुद प्रियंका गांधी वाड्रा परिजनों से मिलने बुलंदशहर पहुंची थीं.

परिजनों से मिलने पहुंचीं प्रियंका

परिजनों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा, 'एक बार फिर न्याय की आवाज को दबाने का प्रयास है, एक बार फिर उप्र सरकार के प्रशासन ने पीड़ित परिवार की मदद के बजाय, उन्हें परेशान किया, अन्याय की प्रतीक हाथरस घटना की तरह ही इसमें भी पुलिस ने FIR में बलात्कार का जिक्र नहीं किया और लड़की के शव को जबरन जला दिया.'

 

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