
साल 2011... पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब राज्य में स्थित भक्कर जिले (Bhakkar) का दरियाखान इलाका. यहां दो भाई रहते थे. नाम मोहम्मद फरमान अली (30) और मोहम्मद आरिफ अली (35) . दोनों भाइयों की शादी हो चुकी थी और उनके बच्चे भी थे. परिवार काफी गरीब था.
दोनों का व्यवहार काफी बुरा था. जिसके चलते साल 2010 में ही उनकी पत्नियों ने उन्हें छोड़ दिया. और बच्चों को लेकर मायके चली गईं. उनका कहना था कि दोनों भाई काफी अजीब थे. वे अक्सर उनसे मारपीट करते और कई-कई दिन घर से बाहर रहते. काम भी ठीक से नहीं करते थे और ना ही घर के लिए कोई खर्च देते थे.
फिर आया अप्रैल 2011 का दिन. भक्कर इलाके में जहां दोनों भाई रहते थे, वहीं एक कब्रिस्तान था. वहां 24 साल की लड़की सारा परवीन की लाश को उसके घर वालों ने दफनाया. दरअसल, सारा की मौत कैंसर के कारण हो गई थी. लेकिन अगले दिन जब परिवार कब्रिस्तान आया तो पाया कि सारा की कब्र के साथ छेड़खानी की गई है.
ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने कब्र को दोबारा खोदा है. इसी शक के चलते परिवार ने कब्र को चेक करने के लिए फिर से खोदा. पाया कि वहां से सारा की लाश गायब है. उन्होंने फौरन इसकी सूचना पुलिस को दी. देखते ही देखते यह बात पूरे इलाके में भी फैल गई. क्योंकि ऐसा ही मामला कुछ दिन पहले भी आया था, जब इसी कब्रिस्तान से एक लाश गायब हो गई थी.
लेकिन उस केस में लाश को निकालकर उससे रेप किया गया था. उस समय पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार भी किया था. पहले तो लोग इस घटना को भी उसी घटना से जोड़कर देख रहे थे. लेकिन मामला कुछ और ही निकला. पुलिस ने जांच शुरू की तो उन्हें गुप्त सूचना मिली की इस कब्रिस्तान में एक शख्स को अक्सर देखा गया है. वह यहां आए दिन आता रहता है. पुलिस को बताया गया कि वह शख्स टोने टोटके करता है.
इस सूचना के मिलते ही इंस्पेक्टर फक्खर भाटी तुरंत उस शख्स शख्स के घर पहुंची. ये घर था उन्ही दोनों भाइयों का (फरमान अली और आरिफ अली). उस समय फरमान ही घर पर मौजूद था. पुलिस ने इस घर की तलाशी ली. लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला. तभी उनकी नजर एक कमरे पर पड़ी जिस पर ताला लगा था.
बर्तन में पकाकर रखा था मांस
पुलिस को बताया गया कि यह कमरा आरिफ अली का है जो किसी काम से बाहर गया हुआ है. पुलिस ने उस कमरे की तलाशी ली. कमरे के अंदर एक बर्तन था जिसमें कुछ नॉन वेज रखा हुआ था. साथ ही चाकू वगैरह रखे थे जिनमें मांस के छोटे-छोटे चिपकी फंसे हुए थे. तभी इंस्पेक्टर फक्खर भाटी की नजर चींटियों के ढेर पर पड़ी.
चींटियां एक लाइन बनाकर कमरे में रखी चारपाई के नीचे जा रही थीं. उन्होंने चारपाई के नीचे देखा तो उन्हें एक बोरी नजर आई. जैसे ही उस बोरी को खोला गया तो सभी पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए. इस बोरी में सारा परवीन की लाश पड़ी थी. जिसकी एक टांग गायब थी. यानि, टांग को काट दिया गया था.
सारा की टांग को पकाया गया था
फिर पता चला कि उस बर्तन में जो मांस पकाया गया है वो सारा की टांग का ही मांस है. पुलिस ने तुरंत फरमान अली को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही एक टीम को आरिफ को ढूंढने के लिए लगा दिया गया. जल्द ही आरिफ भी पकड़ा गया. जब आरिफ से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि दोनों ने मिलकर कब्र से सारा की लाश को निकाला. फिर फरमान ने ही उसकी टांग काटकर उसकी सब्जी बनाई.
दोनों भाइयों ने लिया तांत्रिक का नाम
फोरेंसिक जांच में भी इस बात की पुष्टि हो गई. फिर जैसे ही यह बात इलाके में पता चली तो वहां सनसनी फैल गई. जेल में दोनों आरोपियों ने और भी चौंकाने वाले खुलासे किए. उन्होंने बताया कि दोनों ने मिलकर अब तक 100 से भी ज्यादा लाशों को खाया है. पुलिस ने जब पूछा कि तुमने ऐसा क्यों किया? तो दोनों ने बताया कि उन्हें ऐसा करने के लिए एक तांत्रिक ने कहा था. उसने कहा था कि अगर तुम इंसानी मांस खाते हो तो तुम्हारे सारे दुख और तकलीफ अपने आप दूर हो जाएंगे.
तांत्रिक ने कहा था कि पहले इंसान को मारना होगा. फिर उसका मांस खाना होगा. भाइयों ने बताया कि वे किसी को मार नहीं सकते थे. इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न किसी लाश को ही खा लिया जाए. इसलिए जब भी कब्रिस्तान में किसी लाश को दफनाया जाता, तो वे चुपके से उसे निकाल लेते. फिर उसे पकाकर खा जाते.
दोनों को सुनाई गई 2 साल जेल की सजा
पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया गया. लेकिन ऐसा कोई कानून ही नहीं था जिसके तहत उन्हें सजा सुनाई जाए. इसलिए कोर्ट ने मुर्दे के साथ गैर इंसानियत हरकत करने के आरोप में दोनों आरोपियों को दो साल की सजा सुनाई. जब दोनों 2013 में रिहा हुए तो लोगों ने इनका विरोध किया. कहा कि इन्हें जेल में ही रखा जाना चाहिए.
कहीं लोग गुस्से में इन्हें मार ही न डालें इसलिए दोनों को पुलिस सुरक्षा दी गई. उन्हें ऐसी जगह रखा गया जहां उन्हें कोई जानता ही नहीं था. फिर इसके एक साल बाद यानि 16 अप्रैल 2014 के दिन भक्कर जिले के ही एक इलाके में पुलिस को सूचना मिली कि यहां एक घर से इंसानी मांस जलने की बदबू आ रही है.
बच्चे का मांस खा रहे थे दोनों भाई
पुलिस जैसे ही उस घर में दाखिल हुई तो देखा कि ये वही दोनों भाई थे जिन्हें लाश पकाकर खाने के इल्जाम में जेल हुई थी. दोनों अब भी नहीं सुधरे थे. वे दोनों उस समय भी लाश पकाकर खा रहे थे. कमरे के अंदर एक बच्चे का कटा सिर भी रखा हुआ था. उन्होंने दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि ये लाश भी उन्होंने कब्र से ही निकाली है. कोर्ट में एक बार फिर उन्हें पेश किया गया.
कोर्ट ने 12 साल जेल की सजा सुनाई
तब तक दोनों भाइयों द्वारा लाश खाने का आंकड़ा 150 से भी ज्यादा पहुंच चुका था. जिसके बाद 24 अक्टूबर 2014 के दिन उन्हें कोर्ट ने 12 साल जेल की सजा सुनाई. फिलहाल दोनों भाई जेल में बंद हैं.