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दंतेवाड़ा: नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर उड़ाया वाहन, दो लोग बुरी तरह घायल

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने एक बार फिर आम नागरिक के वाहन को निशाना बनाते हुए हमला किया है. हमले में दो नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं. दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव खुद घटनास्थल पर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने में जुटे हैं. घटना सुबह 8 बजे की बताई जा रही है.

नक्सलियों ने उड़ाया वाहन नक्सलियों ने उड़ाया वाहन
aajtak.in
  • दंतेवाड़ा,
  • 05 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST
  • नक्सलियों ने आम नागरिकों को बनाया निशाना
  • आईईडी ब्लास्ट कर वाहन उड़ाया, दो घायल

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने एक बार फिर आम नागरिक के वाहन को निशाना बनाते हुए हमला किया है. हमले में दो नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं. दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव खुद घटनास्थल पर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने में जुटे हैं. घटना सुबह 8 बजे की बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार दंतेवाड़ा जिले के मालेवाही थाना क्षेत्र के घोटिया में सुबह नक्सलियों के लगाए आईईडी बम की चपेट में आने की वजह से एक बोलेरो वाहन के परखच्चे उड़ गए.

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वाहन में सवार दो आम नागरिक बुरी तरह से घायल हो गए हैं. दंतेवाड़ा एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि आज सुबह करीबन 8 बजे एक बोलेरो कार नारायणपुर की तरफ से दंतेवाड़ा की ओर आ रही थी. कार घोटिया के पास नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बम की चपेट में आ गई. बम की चपेट में आने की वजह से  वाहन के परखच्चे उड़ गए. घटना में वाहन में सवार दो आम नागरिक बुरी तरह से घायल हो गए. घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षाबल के जवान और खुद एसपी मौके पर पहुंचे और घायलों को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा है.

वाहन के उड़े परखच्चे

पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से नक्सलियों ने 7 युवकों का अपहरण कर लिया था, जिसकी पुष्टि जिला एसपी ने भी की थी. सूत्रों ने जानकारी दी थी कि नक्सली 34 लोगों को गांव से ले गए हैं. बताया गया था कि नक्सली 18 जुलाई को युवकों का अपहरण कर गांव से ले गए थे. अगवा युवकों को छुड़ाने गए ग्रामीण भी वापस नहीं लौटे हैं. सभी युवक जगरगुंडा के कुंदेड़ गांव के बताये गए. 

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वहीं, इस घटना के बाद गांव पूरी तरह से खाली हो गया था. गांव में दहशत का माहौल है. सर्व आदिवासी समाज ने युवकों को छोड़ने की अपील की थी.  वहीं, समाज की मांग थी कि नक़्सली युवकों को सुरक्षित छोड़ दें. आदिवासी समाज ने कहा था कि गांव में 34 लोगों गायब हो चुके हैं. वहीं, पुलिस ने जांच करने की बात कही थी. 

(धर्मेंद्र महापात्र की रिपोर्ट)

 

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