
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर समेत कई जिलों में 50 से अधिक बच्चों का अप्राकृतिक यौन शोषण कर उनकी चाइल्ड पोर्नोग्राफी करने वाले आरोपी इंजीनियर रामभुवन (48 वर्ष) को सीबीआई आज बुधवार को भी अपनी रिमांड में नहीं ले सकी.
सीबीआई की स्पेशल यूनिट ने दिल्ली में पिछले महीने की 31 तारीख को एक केस दर्ज किया था जिसमें आरोपी को चित्रकूट जिले से इसी हफ्ते सोमवार को गिरफ्तार किया था. जिसकी रिमांड लेने के लिए सीबीआई ने बांदा के स्थानीय पॉक्सो कोर्ट में अपील की थी, कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दूसरे पक्ष के वकील की मांग पर रिमांड सुनवाई कल गुरुवार तक के लिए टाल दी है, अब इस पर अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी.
दूसरी ओर, बांदा आए प्रयागराज जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश ने पुलिसकर्मियों की क्लास लगाते हुए कहा कि सीबीआई दिल्ली से आकर यहां ऐसे मामले का खुलासा कर ले रही है और आप लोगों को पता तक नहीं चलता.
इस मामले में पत्रकारों के सवाल पर एडीजी ने पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि सीबीआई ने पहले से उसे सर्विलांस में रखा हुआ था, दूसरा उनके पास डार्क वेब को एक्स्प्लोर करने की एक्सपर्टीज है, यह विशेषज्ञता अब तक हमारे पास AHTU (Anti Human Trafficking Unit) में डेवलप नहीं हो पाई है. लेकिन हमारे पास हेल्प डेस्क और हेल्पलाइन हैं जिस पर अगर कोई सूचना आती है तो उस पर फौरी कार्रवाई होगी.
यूपी के बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर जिलों के 50 से अधिक बच्चों के यौन शोषण और पोर्नोग्राफी मामले में सीबीआई ने चित्रकूट में तैनात सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर (JE) को चित्रकूट के उसके घर से गिरफ्तार किया था. जहां से केंद्रीय जांच एजेंसी ने 8 लाख रुपये, हार्ड डिस्क, सेक्स टॉय और भारी मात्रा में अश्लील सामग्री बरामद की थी.
31 को दर्ज किया था केस
सीबीआई की स्पेशल विंग ने कुछ सोर्सेज के हवाले से 31 अक्टूबर को 14 पॉक्सो एक्ट, 67-बी आईटी एक्ट और 377 आईपीसी की धाराओं में अपने नई दिल्ली दफ्तर में एक केस दर्ज किया था. जिसमें 48 साल के जूनियर इंजीनियर रामभुवन पर आरोप है कि बीते कई सालों में उसने 50 से अधिक बच्चों के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण किया.
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इंजीनियर ऐसा करने के लिए अपने आसपास के बच्चों में शिकार तलाशता था, फिर उनके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म कर मोबाइल से वीडियो शूट कर उसे इंटरनेशनल पोर्न मार्केट में ऑनलाइन बेच देता था. ज्यादातर पीड़ित बच्चे उसके परिचितों के ही हैं जिनकी जानकारी सीबीआई ने फिलहाल गोपनीय रखी है.
अभियोजन पक्ष सीबीआई के वकील मनोज दीक्षित ने आज बुधवार को बताया कि बांदा पॉक्सो कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान इंजीनियर की 5 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन आरोपी पक्ष के वकील के एक दिन का अतिरिक्त समय मांगने से उसे दोबारा न्यायिक हिरासत में बांदा जेल भेज दिया गया. कल 19 नवंबर को इस संबंध में कोर्ट से सीबीआई फिर 5 दिन की रिमांड मांगेगी जिसमें उम्मीद है कि कोर्ट आरोपी को सीबीआई रिमांड में सौंप दे.