Advertisement

चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस: एम्स के डॉक्टरों के साथ चित्रकूट पहुंची CBI, बच्चों का होगा मेडिकल टेस्ट

एम्स के पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम दिल्ली से सीबीआई टीम के साथ चित्रकूट पहुंची है. डॉक्टरों की विशेष टीम पीड़ित बच्चों का मेडिकल करेगी. डॉक्टरों की टीम में दो महिला और तीन पुरुष डॉक्टर शामिल.

आरोपी जूनियर इंजीनियर राम भवन (File Photo) आरोपी जूनियर इंजीनियर राम भवन (File Photo)
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 14 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST
  • मिली थी 50 से अधिक अश्लील वीडियो क्लिप्स
  • चित्रकूट में ही जेई से पूछताछ कर रही सीबीआई

उत्तर प्रदेश के बांदा में बाल यौन शोषण में बड़ा मोड़ आया है. एम्स के पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम दिल्ली से सीबीआई टीम के साथ चित्रकूट पहुंची है. डॉक्टरों की विशेष टीम पीड़ित बच्चों का मेडिकल करेगी. डॉक्टरों की टीम में दो महिला और तीन पुरुष डॉक्टर शामिल. 25 से ज्यादा बच्चों का आज मेडिकल होगा. 

बताया जा रहा है कि दो दिन तक लगातार बच्चों का मेडिकल होगा. मेडिकल के दौरान अहम सबूत भी एकत्र किए जाएंगे. यौन शोषण के आरोपी जूनियर इंजीनियर राम भवन की विदेशियों के साथ बातचीत करने के लिए सोशल मीडिया पर ग्रुप मिला. इस ग्रुप की बातचीत में अनेक अहम बातें सामने आई. आरोपी राम भवन का 3 दिन पहले दिल्ली के एम्स में मेडिकल हुआ था.

Advertisement

क्या है पूरा मामला
दरअसल, चित्रकूट में सिंचाई विभाग के एक जूनियर इंजीनियर को सीबीआई ने नवंबर में बच्चों के साथ अश्लीलता करने, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी बनाने, उसे ऑनलाइन बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जेई रामभवन पर आरोप है कि उसने चित्रकूट, बांदा और महोबा जैसे जिलों में जेई रहते हुए 50 से अधिक बच्चों के साथ अश्लील हरकतें कीं और वीडियो बनाए.

आरोपी ज्यादातर पांच से दस साल के बच्चों को लालच देकर अपने जाल में फंसाता था. सोशल साइट्स के जरिए रामभवन बच्चों से संपर्क करता था और इसके बाद उन्हें मोबाइल, घड़ी, पेन, चॉकलेट आदि का लालच देकर मिलने के लिए बुलाता था. इसके बाद उनके साथ यौन शोषण करके उसका वीडियो डार्क वेब और पोर्न साइट्स को बेच देता था.

देखें: आजतक LIVE TV

सीबीआई का मानना है कि वो पिछले दस सालों से कर रहा था. रामभवन अकेले यह काम नहीं कर रहा था बल्कि उसके साथ और भी संदिग्ध थे. प्रारंभिक जांच से पता चला कि 50 बच्चे पीड़ित थे, सीबीआई यह लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या पीड़ित बच्चों की संख्या इससे ज्यादा है. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement