
18 अप्रैल 1894 के दिन इटली के मोंटेला शहर (Montella, Italy) में लियोनार्डा सियानियुली (Leonarda Cianciulli) नामक बच्ची का जन्म हुआ. लेकिन उसकी मां उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी. क्योंकि वह उसकी वह उसकी अनचाही संतान थी.
दरअसल, लियोनार्डा की मां का छोटी ही उम्र में एक शख्स ने रेप (Rape) कर दिया था. जिसके कारण उसका गर्भ ठहर गया. लियोनार्डा की मां इस बच्चे को गिरा देना चाहती थी. लेकिन उसके घर वालों ने उल्टा उस बलात्कारी से ही उसकी शादी करवा दी. जिसके बाद मजबूरन लियोनार्डा की मां को इस बच्चे को जन्म देना पड़ गया.
जन्म के बाद से ही लियोनार्डा को अपनी मां से प्यार के बदले सिर्फ नफरत ही मिली. वह उसे मारती-पीटती. उसका बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखती. नतीजा ये हुआ कि लियोनार्डा पर इसका काफी गहरा असर पड़ा. वह हमेशा गुमसुम रहती. उसे किसी से भी बात करने का मन नहीं करता. न ही वह कोई दोस्त बनाती. दो बार तो लियोनार्डा ने खुदकुशी करने की भी कोशिश की. लेकिन उसे बचा लिया गया.
समय बीता और साल 1917 में लियोनार्डा जब 22 साल की हुई तो उसकी मां ने उसके लिए रिश्ते ढूंढने शुरू कर दिए. वह चाहती थी कि लियोनार्डा की शादी किसी धनी शख्स से हो, जिससे उसकी भी आर्थिक स्थिति सुधर जाए. लेकिन लियोनार्डा ने उन सभी रिश्तों को ठुकरा दिया जो उसकी मां ने उसके लिए ढूंढे थे.
क्लर्क से की शादी
क्योंकि लियोनार्डा को एक शख्स पसंद था. जिसका नाम राफेल पैनसर्डी (Raffaele Pansardi) था. वह पेशे से सरकारी दफ्तर में क्लर्क था. साल 1917 में ही लियोनार्डा ने राफेल से शादी कर ली और दोनों साथ रहने लगे. जब इस बात का पता लियोनार्डा की मां को लगा तो वह गुस्से में उसके पास आई और कहा, ''मैं तुम्हें बद्दुआ देती हूं कि तुम इस शादी से कभी खुश नहीं रहोगी.''
ये भी पढ़ें: चार देश, खूबसूरत लड़की और फ्रीजर में लाशें... स्कूल टॉपर बन गई आइसक्रीम किलर
मां की इस बात से लियोनार्डा कहीं न कहीं काफी डर सी गई. उसे लगने लगा कि कहीं उसकी मां की बात सच न हो जाए. दिन बीते और साल 1921 में वह अपने पति के साथ पोटेंजा (Potenza) शहर में शिफ्ट हो गई. लेकिन यहां साल 1927 में धोखाधड़ी के मामले में उसे जेल की सजा हो गई. जब वह जेल से रिहा हुई तो दंपति पोटेंजा शहर को छोड़ एवेलिनो सिटी (Avellino City) जाकर रहने लगा.
यहां भी साल 1930 में भूकंप के कारण उनका घर तबाह हो गया तो दंपति को फिर से अपना शहर बदलना पड़ गया. दोनों कोरेगियो (Correggio) शहर आकर रहने लगे. लेकिन यहीं से लियोनार्डों की जिंदगी बदलने वाली थी.
लियोनार्डा ने खोली दुकान
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, लियोनार्डों ने यहां एक दुकान खोली. इस दुकान में वह खाने से लेकर घर की साफ-सफाई का सामान बेचती थी. लियोनार्डो यहां खुद केक बनाकर भी बेचती थी, जिसे लोग काफी पसंद करते थे. कुछ ही समय में वह अपने केक के स्वाद के कारण पूरे शहर में फेमस हो गई. लोग दूर-दूर से उसकी दुकान पर आकर केक खरीदते.
ये भी पढ़ें: वैंपायर बॉयफ्रेंड, खून का स्वाद और 300 साल पुराना भेड़िया... 12 साल की लड़की ने खत्म कर डाला पूरा परिवार
17 बार हुई गर्भवती
लेकिन दूसरी तरफ उसकी पर्सनल लाइफ काफी खराब चल रही थी. वह 17 बार गर्भवती हुई थी. जिसमें से तीन बार उसका मिसकैरिज हो गया और 10 बच्चे पैदा होते ही मर गए. लियोनार्डो के अब सिर्फ 4 ही बच्चे थे, जिन्हें लेकर वह काफी चिंतित रहती थी. क्योंकि उसे बार-बार अपनी मां की बद्दुआ याद आती. उसे लगता था कि मां की बद्दुआ के कारण ही उसकी जिंदगी में यह सब हो रहा है. वहीं, उसे एक ज्योतिष ने भी बताया था कि उसके बच्चों की उम्र ज्यादा नहीं होगी. वे छोटी ही उम्र में मर जाएंगे.
इस डर के कारण वह अक्सर नए-नए ज्योतिष एवं तांत्रिकों से मिलती और उनसे बच्चों की सलामती के उपाय पूछती. इसी तरह समय बीतता गया. फिर साल 1939 में लियोनार्डा के 18 वर्षीय बेटे ने मां से कहा कि वह सेना में भर्ती होना चाहता है. लियोनार्डा अपने बेटे के इस फैसले से काफी घबरा गई. उसने बेटे को रोकने की कोशिश की. लेकिन वह नहीं माना और सेना में भर्ती हो गया.
तांत्रिक ने दिया नरबलि का सुझाव
ये सब देख लियोनार्डा ने फिर से तांत्रिकों के साथ मिलना शुरू कर दिया. एक तांत्रिक ने उसे बताया कि अगर वह नरबलि दे तो उसके बच्चे सही सलामत रहेंगे. अंधविश्वास के चलते लियोनार्डा ने मन बना लिया कि वह बच्चों को बचाने के लिए नरबलि देगी. फिर उसने इसके लिए अपने शिकार ढूंढने शुरू कर दिए.
ऐसे ढूंढा पहला शिकार
लियोनार्डा की दुकान में काफी लोग आते थे. इसलिए वो अपना पहला शिकार यहीं से ढूंढने लगी. वह बात करने में काफी अच्छी थी तो लोग उस पर विश्वास भी करते थे. इसी बात का उसने फायदा उठाया. उसकी दुकान में एक दिन फॉस्टिना सेट्टी (Faustina Setti) नाम की लड़की आई. लियोनार्डा को जब पता चला कि वह अपनी शादी को लेकर काफी परेशान है तो उसने लड़की को कहा कि वह उसके लिए एक हैंडसम और केरिंग लड़का तलाश देगी.
ये भी पढ़ें: जिस्म की नुमाइश, टॉर्चर और मजाक... वो बदनसीब महिला जिसे मरने के 187 साल तक नहीं मिला कफन
फॉस्टिना भी उसकी बातों में आ गई. कुछ ही दिन बाद लियोनार्डा ने फॉस्टिना को बताया कि उसने उसके लिए एक लड़का ढूंढ लिया है जो कि पाउला शहर में रहता है और वह उससे मिलना चाहता है. फॉस्टिना ये सुनकर काफी खुश हो गई और उस लड़के से मिलने की तैयारी में लग गई. लेकिन हकीकत तो यह थी कि लियोनार्डा ने उसके लिए कोई लड़का ढूंढा ही नहीं था. उसने फॉस्टिना को झूठ कहा था. फिर एक दिन लियोनार्डा ने फॉस्टिना को बहाने से अपने घर बुलाया.
फॉस्टिना को कुल्हाड़ी से मार डाला
उसे लियोनार्डा ने जूस पीने को दिया जिसमें नींद की गोलियां मिली थीं. जूस पीते ही फॉस्टिना बेहोश हो गई और लियोनार्डा ने उसे कुल्हाड़ी से मार डाला. वह यहीं नहीं रुकी. उसने फॉस्टिना के शरीर के 9 टुकड़े किए और उन्हें साबुन बनाने वाले कास्टिक सोडा में मिला दिया. कास्टिक सोडा में जब लाश के टुकड़े गल गए तो उसने उस कास्टिक सोडा को एक गटर में डाल दिया.
वहीं, शरीर से निकले खून को भी लियोनार्डा ने अलग से बर्तन में रख लिया था. फिर लियोनार्डा ने उसमें आटा, चॉकलेट, दूध और अंडा मिलाकर उसे गूंध दिया. इस आटे से लियोनार्डा ने केक और बिस्किट बनाए. फिर उन्हें अपने पति, बेटे, दोस्तों और पड़ोसियों को खिला दिया. बाद में उस केक और बिस्किट को खुद भी खाया.
ऐसे मिला दूसरा शिकार
एक नरबलि देने के बाद 22 सितंबर 1940 को उसने दूसरी नरबलि दी वो भी इसी तरह. फ्रांसेस्का सोवी (Francesca Soavi) नामक लड़की उसके पास नौकरी के लिए आई. तो लियोनार्डा ने उसे कहा कि वह एक स्कूल में उसकी नौकरी लगा देगी. फिर वैसे ही उसे मिलने के लिए घर में बुलाया और जूस में नींद की गोली मिलाकर दे दी. फ्रांसेस्का को भी लियोनार्डा ने उसी तरह मौत के घाट उतार दिया. फिर उसके खून से भी उसने पहले की ही तरह केक बनाया. खुद भी केक को खाया और बाकी लोगों को भी खिलाया.
तीसरी महिला को भी मार डाला
दो मर्डर करने के बाद अब लियोनार्डा को हत्या करने का चस्का लग गया था. उसने फिर तीसरे शिकार को भी ढूंढ लिया. इस महिला का नाम था वर्जीनिया कैसियोपो (Virginia Cacioppo). उसने 30 सितंबर 1940 के दिन वर्जीनिया को उसी तरह मिलने के लिए बुलाया. फिर उसे भी कुल्हाड़ी से मार दिया.
लाश के टुकड़ों से बनाया साबुन
लेकिन इस बार उसने केक बनाने के साथ वर्जीनिया की लाश के टुकड़ों से साबुन भी बनाया. दरअसल, उसने पहले लाश के टुकड़ों को बड़े से बर्तन में डालकर उबाला. फिर उसमें इत्र छिड़का और साबुन बनाने वाले केमिकल डाले. उससे उसने साबुन की कई टिक्कियां बनाईं और आस-पड़ोस में बांट दीं. खुद भी उस साबुन से वह नहाई.
ऐसे फंसी लियोनार्डा
लेकिन उसे नहीं पता था कि इस बार वह बुरी तरह फंस जाएगी. दरअसल, वर्जीनिया की छोटी बहन ने पुलिस में बड़ी बहन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी. जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि वर्जीनिया कई बार लियोनार्डा से मिलती थी. पुलिस ने जब लियोनार्डा से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. साथ ही पहली दो लड़कियों की हत्या के बारे में भी पुलिस को बताया.
1970 में हो गई मौत
इसके बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया. फिर साल 1946 में उसे 33 साल जेल की सजा सुनाई गई. जिसके बाद 15 अक्टूबर 1970 में जेल में ही लियोनार्डा की मौत हो गई. बता दें, लियोनार्डा के जीवन पर कई सारे फिल्में भी बनी हैं और कई लेखकों ने किताबें भी लिखी हैं. इनमें Gran bollito, Da Lucia और La Saponificatrice – Vita di Leonarda Cianciulli शामिल हैं.