
राजस्थान के बीकानेर में एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई है. यहां एक दंपति ने अपनी 3.5 महीने की बेटी को नहर में फेंक कर इसलिए मौत के घाट उतार दिया, ताकि संविदा पर तैनाक शख्स की नौकरी पक्की होने में कोई बाधा ना आए. पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले जालिम मां-बाप को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि निर्दयी मां-बाप ने अपनी बेटी को सिर्फ इसलिए नहर में फेंक कर मार दिया, क्योंकि वह उनकी चौथी संतान थी, जिसके चलते आरोपी पिता को अपनी नौकरी पर खतरा मंडराता हुआ नजर आने लगा था. चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि बाइक पर एक महिला और एक आदमी आए. बच्ची दोनों के बीच में थी. नहर के पास आते ही उन्होंने पुलिया के ऊपर से बच्ची को नीचे फेंक दिया. बच्ची को फेंकने के बाद दोनों ने पीछे मुड़कर तक नहीं देखा और बाइक की स्पीड तेज करके भाग गए.
कुछ युवकों ने तुरंत नहर में कूदकर बच्ची को बाहर निकाला. उसे उल्टा करके पानी निकालने का प्रयास भी किया, लेकिन तब तक उसका दम टूट चुका था. बच्ची महज साढे तीन महीने की थी. वह आसमानी और सफेद रंग की स्वेटर पहने थी और उसका जूड़ा बना हुआ था. बच्ची को नहर में फेंक कर गायब हुए दंपति को पुलिस ने कोलायत थाने के दियातरा गांव से गिरफ्तार कर लिया. वारदात के करीब 20 किलोमीटर दूर से पुलिस ने बाइक बरामद कर ली.
बीकानेर के पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि आरोपी पिता का नाम झंवरलाल है. वह विद्यालय सहायक के पद पर संविदा नौकरी कर रहा था. उसने दिसंबर में ही शपथ पत्र दिया था कि उसकी 2 ही संतानें हैं. साढ़े तीन महीने की अंशु का जन्म 13 अक्टूबर 2022 को हुआ था. वह दंपत्ति की चौथी संतान थी. इससे पहले उनकी 8, 10 और 3 साल की तीन और संतानें हैं. हालांकि, नौकरी पर खतरे के डर से ही आरोपी ने अपनी 8 साल की बच्ची को अपने भाई को गोद दे दिया था.
(रिपोर्ट: अपर्णेश गोस्वामी)