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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में 29 सितंबर 2017 में चार साल के बच्चे का अपहरण और उसकी हत्या करने के मामले में आरोपी पति-पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. बच्चे का अपहरण उससे भीख मंगवाने के लिए किया गया था.
ये है मामला
29 सितंबर 2017 को 4 साल के सौरभ को लोनी से अगवा कर लिया गया था. 4 अक्टूबर 2017 को सौरभ की लाश लोनी के ही रहने वाले सरफराज के घर से बरामद हुई थी. दरअसल सरफराज और उसकी पत्नी सलमा ने सौरभ को भीख मंगवाने के लिए अगवा किया था, लेकिन जब यह मामला पुलिस थाने पहुंचा, तो पति-पत्नी ने गला दबाकर बच्चे का कत्ल कर दिया और लाश घर में ही छुपा दी.
सजा के साथ जुर्माना भी
अपहरण और कत्ल के इस सनसनीखेज मामले में अब करीब साढ़े 3 साल बाद गाजियाबाद की अदालत में दोनों पति-पत्नी सरफराज और सलमा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. अपहरण के बाद हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर 1 के न्यायाधीश जयवीर सिंह नागर ने दोषी पति-पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. दोनों ने भीख मंगवाने और बेचने के उद्देश्य से मासूम का अपहरण किया और पकड़े जाने के डर से बच्चे का कत्ल कर दिया था. अदालत ने दोनों पर 54 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
रहस्यमयी तरीके से हुआ था गायब
दरअसल लोनी इलाके में रहने वाले प्रदीप मिश्रा का 4 साल का बेटा 29 सितंबर 2017 की सुबह 8:00 बजे घर के बाहर से रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया था. काफी खोजबीन करने के बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. जांच के दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी, कि पास में ही रहने वाले दंपत्ति सरफराज और सलमा के साथ एक 4 साल के बच्चे को कुछ लोगों ने देखा था. इसके बाद पुलिस ने सलमा और सरफराज के घर पर दबिश दी और वहां से बच्चे की लाश को बरामद किया गया.
पूछताछ में हुआ खुलासा
किडनैपिंग केस के इस मामले में सरफराज और सलमा से पूछताछ हुई, तो उन्होंने खुलासा किया कि सौरभ को किडनैप करने में चार लोग और शामिल थे. उन्होंने बताया तस्कीन, सोनू, सरताज और नाजरा भी उनके साथ अपहरण में शामिल थे. ये गैंग भीख मंगवाने और बेचने के लिए नाबालिग बच्चों का अपहरण करता था. इससे पहले कि यह बच्चे को इस इलाके से बाहर ले जाते, पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी थी, जिसके डर से इन्होंने बच्चे का कत्ल कर दिया. हालांकि साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने तस्कीन, नाजरा, सोनू और सरताज को बरी कर दिया है.