
राजधानी नई दिल्ली के सिविल लाइन्स में हुई बिजनेसमैन रामकिशोर अग्रवाल (76) की हत्या का केस पुलिस ने सुलझा दिया है. दो नाबालिगों ने इस लूट और हत्या की साजिश रची थी. आरोपियों के पास से लूट गई 11 लाख की रकम समेत विदेशी मुद्रा और घड़ियां समेत दूसरी चीजें बरामद की गई हैं. साथ ही पूछताछ में आरोपियों ने जो खुलासे किए, उसको सुनकर पुलिस भी हैरत में पड़ गई...
- दिल्ली के वीवीआईपी इलाके में इस वारदात को अंजाम देने से पहले दोनों ने एक बाइक चोरी चुराई थी. फिर चोरी का माल छिपाने के लिए मुकुंदपुर में एक किराए पर कमरा भी लिया था.
- एक आरोपी को घर के सभी लोगों के गतिविधियों समेत रोजमर्रा की आदतों की जानकारी थी, क्योंकि एक आरोपी पहले से पीड़ित के घर में काम कर चुका था. उसे यह भी पता था कि पैसे किस अलमारी में रखे जाते हैं? बंगले में कौन-सा कुत्ता कहां रहता है? एक-एक बात की पक्की खबर थी.
- आरोपियों को यह भी पता था कि कॉलोनी में किस तरीके की पाबंदियां हैं. यही वजह है कि आरोपियों ने वारदात की एक रात पहले ही अपनी बाइक कॉलोनी में छिपा दिया था. उन्होंने लूट के विरोध के दौरान बुजुर्ग बिजनेसमैन राम किशोर अग्रवाल की हत्या कर दी थी. शातिर आरोपियों ने वारदात के बाद दो दिनों तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट (मेट्रा, बस, ऑटो) का इस्तेमाल नहीं किया था. हालांकि, दोनों फिर भी मेट्रो में ट्रेवल करने के कारण फंस किए गए जो कि उन्होंने वारदात के पहले की थी.
ये भी पढ़ें:- बिल्डर मर्डर केस में एक नाबालिग अरेस्ट, मेट्रो स्टेशन पर कार्ड पंच करने से मिली लोकेशन
- स्पेशल सीपी लॉ एंड आर्डर दीपेंद्र पाठक ने बताया, कातिलों की पहचान से लेकर उनके पकड़ने तक में सीसीटीवी कैमरों की अहम भूमिका रही. पुलिस ने तकरीबन 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और इसके अलावा पुलिस ने टेक्नीकल सर्विलांस की भी मदद ली.
- सीसीटीवी की जांच में पुलिस को 2 लड़के वारदात की सुबह से पहले वाली रात बाइक पर लेन में आते हुए नज़र आए, लेकिन दोनों बाइक पर जाते हुए नहीं दिए. आगे की जांच में पुलिस को पता लगा कि दोनों आरोपियों ने बाइक को एक दिन पहले ही छिपा दिया था और रात में पैदल ही वापस चले गए. अगले दिन फिर सुबह ई रिक्शा से वारदात की जगह पर पहुंचते हैं. दीवार फांदते हैं और घर के अंदर दाखिल हो जाते हैं.
- लूट और कत्ल की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी अपनी छिपाई गई बाइक का इस्तेमाल करते हैं और मौके से भाग निकलते हैं. पुलिस ने जब बाइक का नंबर नोटकर उसकी छानबीन की तो पता लगा कि ये बाइक दो दिन पहले ही वजीराबाद इलाके से चोरी की गई थी.
ये भी पढ़ें:- 500 CCTV और मेट्रो कार्ड... दिल्ली पुलिस ने किया बिल्डर हत्याकांड का खुलासा, गिरफ्त में दो नाबालिग
- स्पेशल सीपी क्राइम रविंद्र यादव ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के रूट तलाशने शुरू किए. उनके मूवमेंट की जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की. इसके लिए पुलिस ने कॉलोनी आसपास, मेन रोड और मेट्रो के तकरीबन 500 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले.
- इतनी कवायद के बाद पुलिस ने आरोपियों की मूवमेंट पर नज़र रखनी शुरू कर दी. पुलिस को उसके मेट्रो कार्ड की भी जानकारी पुलिस को मिली, जिसके बाद मित्रों पुलिस ने तमाम स्टेशन पर आरोपी के लिए अलर्ट जारी कर दिया. पुलिस के मुताबिक, 3 मई को जैसे ही आरोपी ने मेट्रो कार्ड को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर स्वैप किया, वैसे ही पुलिस को अलर्ट मिल गया और फिर पुलिस ने उसे पकड़ लिया.
- पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने लूटी गई रकम में से 25 हजार रुपये खर्च किए थे, जिनमें से इन्होंने एक महंगा स्मार्ट फोन खरीदा था और कुछ पैसे मुकुंदपुर इलाके के कमरे का किराया भर दिया था और साथ ही हाथ पर टैटू गुदवाया लिया था.
- बिजनेसमैन रामकिशोर अग्रवाल के बंगले पर एक आरोपी डेढ़ साल पहले साफ सफाई का काम करता था और उसका पिता गाड़ी चलाता था. आरोप है कि नौकरी के दौरान भी इसी नाबालिग पर चोरी का इल्जाम लगा था. दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपियों की उम्र का आकलन किया जा रहा है. इस मामले में दोनों को कानून के मुताबिक सख्त सजा दिलाने की कोशिश रहेगी.