Advertisement

2020 दिल्ली दंगे: दो घरों में आगजनी करने वाला जॉनी कुमार दोषी करार, मिली 10 साल कैद की सजा

अभियोजन पक्ष ने जॉनी पर उस दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप लगाया था, जिसने 25 फरवरी 2020 को दंगों के दौरान खजूरी खास इलाके में दो घरों को आग लगा दी थी. विशेष लोक अभियोजक नरेश कुमार गौड़ ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग की.

दोषी जॉनी कुमार को दो सजाएं एक साथ मिली हैं दोषी जॉनी कुमार को दो सजाएं एक साथ मिली हैं
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2024,
  • अपडेटेड 8:58 PM IST

दिल्ली की एक अदालत ने साल 2020 के दिल्ली दंगे के दौरान दो घरों में आग लगाने वाले जॉनी कुमार को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उसके खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस) और 436 (आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा उत्पात) के तहत मामला दर्ज किया था. अब उसे दोषी ठहराते हुए अदालत ने सजा सुना दी. 

Advertisement

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला दोषी जॉनी कुमार के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे. दंगई जॉनी कुमार को इस साल 14 फरवरी को आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत भी दोषी ठहराया गया था. अभियोजन पक्ष ने जॉनी पर उस दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप लगाया था, जिसने 25 फरवरी 2020 को दंगों के दौरान खजूरी खास इलाके में दो घरों को आग लगा दी थी.

विशेष लोक अभियोजक नरेश कुमार गौड़ ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा, 'एक समाज के रूप में हमारे समुदायों की सुरक्षा की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है. इस मामले में दोषी द्वारा किए गए अपराध का प्रभाव केवल शिकायतकर्ता और अन्य पीड़ित को हुए नुकसान तक सीमित नहीं है. बल्कि दंगाइयों के कृत्यों ने सामाजिक ताने-बाने पर गहरी चोट छोड़ी. कथित कृत्यों ने सांप्रदायिक सद्भाव को खतरे में डालते हुए लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा की.' 

Advertisement

पीटीआई के मुताबिक, अदालत ने आगजनी की इन दो घटनाओं के लिए दोषी को पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही अदालत ने पीड़ित मोहम्मद सफ़ील और मोहम्मद दाउद के घरों को जलाने के लिए दोषी पर क्रमशः 50,000 रुपये और 40,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने जॉनी कुमार को आईपीसी की धारा 148 के तहत एक साल के साधारण कारावास और आईपीसी की धारा 188 के तहत छह महीने के साधारण कारावास की सजा भी सुनाई है. कोर्ट ने कहा कि धारा 148 और 188 के तहत अपराध आगजनी के अपराध के लिए पहली पांच साल की सजा के साथ-साथ चलेंगे. 

विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि आगजनी की घटनाओं के लिए पांच-पांच साल की दो सजाएं लगातार चलेंगी. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जहां किसी आरोपी को दो या दो से अधिक आरोपों के लिए दोषी ठहराया जाता है, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत सामान्य नियम लगातार सजाएं चलाने का प्रावधान करता है, जब तक कि अदालत यह निर्देश न दे कि ऐसी सजाएं एक साथ चलेंगी.
 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement