
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है, जो लोगों को खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर रहा था. आरोप है कि इस कॉल सेंटर ने अब तक 70 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है. अपने शिकार को जाल में फंसाने के लिए ये लोग जो तरीका इस्तेमाल करते थे, वो भी बिल्कुल अलग था.
दिल्ली के शाहदरा जिले में पुलिस के स्पेशल स्टाफ को सूचना मिली थी कि 60 फुटा रोड विश्वास नगर, शाहदरा में आईसीआईसीआई बैंक के पास एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है. जहां खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगा जाता है. इसी सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस की टीम ने उस जगह छापेमारी की.
जब पुलिस वहां पहुंची तो पाया कि दो महिलाओं समेत कुछ लड़के मोबाइल फोन पर कॉल करने में बिजी थे. वो लोग लैपटॉप और कम्प्यूटर पर काम कर रहे थे. पुलिस टीम ने वहां से सभी गैजेट और दस्तावेज जब्त कर लिए. जब उन दस्तावेजों की जांच की गई तो वे जाली दस्तावेज निकले. जिसमें फर्जी ऑफर लेटर और वीजा भी शामिल थे.
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पुलिस ने मौके से दो महिलाओं समेत सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर किया है. जिनमें पकड़े गए युवकों की पहचान अंकित गुप्ता, नवनीत जैन, विजय कुमार और जावेद सिद्दीकी के तौर पर हुई है.
सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर फंसाते थे शिकार
ये फेक कॉल सेंटर चलाने वाले शातिर ठग अपने शिकार को फंसाने के लिए उसे सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर आकर्षित करते थे. ये ऐसे लोगों को निशाना बनाते थे, जो नौकरी की तलाश कर रहे होते थे. उन लोगों से नौकरी के नाम पर ठगी करने के बाद ये शातिर लोग उन्हें नौकरी के फेक ऑफर लेटर और खाड़ी देशों के वीजा दे दिया करते थे.
गैजेट और दस्तावेजों की बरामदगी
पुलिस ने मौके से 18 मोबाइल फोन, पांच सिम कार्ड और कई तरह के जाली दस्तावेज बरामद किए हैं. साथ ही फेक दस्तावेज बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तीन लैपटॉप भी बरामद किए गए हैं. इसके साथ ही पुलिस ने फर्जी आईडी के आधार पर सिम कार्ड मुहैया कराने वाला एक व्यक्ति भी गिरफ्तार कर लिया है.
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नौकरी तलाश रहे लोगों को करते थे कॉल
पूछताछ के दौरान आरोपी अंकित गुप्ता ने बताया कि वे लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक विज्ञापन पोस्ट करते थे. नौकरी चाहने वाले लोग विज्ञापन में दिए गए नंबर पर कॉल करते थे. फिर नौकरी की चाह रखने वालों से अपने दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए कहते थे. दस्तावेज़ मिल जाने के बाद सभी आरोपी मिलकर शिकार के साथ नौकरी का सौदा करते थे.
फिर एक-दो दिन में उन्हें नकली ऑफर लेटर और खाड़ी देशों के लिए वीजा दे दिया करते थे. इस काम के लिए आरोपी पीड़ित से से 15000 से 20000 रुपये तक वसूलते थे. आरोपी अंकित ने आगे खुलासा किया कि वे पीड़ितों से डील की रकम लेने के लिए ऐसे बैंक खाते का नंबर देते थे, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोला गया था.
जांच के दौरान पता चला कि इन शातिर ठगों ने तीन सौ से ज्यादा ऐसे लोगों को संपर्क किया, जिन्हें नौकरी की तलाश थी और उनमें से 57 पीड़ितों ने पिछले दो महीनों के दौरान इन लोगों के बैंक खाते में रकम जमा कर दी है. अब पुलिस आगे की छानबीन कर रही है.