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12 साल पहले किया था दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल का मर्डर, अब चारों आरोपी दोषी करार, मिलेगी कड़ी सजा

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी आशीष बहुगुणा, सूरज, मनोज और आकाश ने 10 और 11 सितंबर 2012 की दरम्यानी रात कॉन्स्टेबल बिजेंद्र पर चाकू से हमला कर दिया था. इसके अलावा हमलावरों ने हेड कॉन्स्टेबल (एचसी) बलजीत, कॉन्स्टेबल संदीप और इरशाद को चाकू मारकर घायल कर दिया था.

अदालत ने कॉन्स्टेबल की हत्या के मामले में 4 लोगों को दोषी माना है अदालत ने कॉन्स्टेबल की हत्या के मामले में 4 लोगों को दोषी माना है
aajtak.in
  • दिल्ली,
  • 04 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 9:32 PM IST

Delhi Police Constable Murder Case: दिल्ली की एक अदालत ने 12 साल पहले दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल की हत्या के मामले में आरोपी बनाए चार लोगों को दोषी करार दे दिया. साल 2012 में सेंट्रल दिल्ली के जीबी रोड पर एक वेश्यालय के सामने दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को पकड़ा था. जिन्हें अब अदालत ने दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने चारों के खिलाफ अपना केस सफलतापूर्वक साबित कर दिया है.

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार खरता हत्या के इस मामले में उन चार आरोपियों के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रहे थे. उन चारों के खिलाफ कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में हत्या, हत्या के प्रयास और एक लोक सेवक को जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी आशीष बहुगुणा, सूरज, मनोज और आकाश ने 10 और 11 सितंबर 2012 की दरम्यानी रात कॉन्स्टेबल बिजेंद्र पर चाकू से हमला कर दिया था. इसके अलावा हमलावरों ने हेड कॉन्स्टेबल (एचसी) बलजीत, कॉन्स्टेबल संदीप और इरशाद को चाकू मारकर घायल कर दिया था. इस हमले में कॉन्स्टेबल बिजेंद्र की मौत हो गई थी.

इस मामले में न्यायाधीश ने 2 मार्च के फैसले में कहा कि इस अदालत की सुविचारित राय है कि घायल कांस्टेबल संदीप, घायल इरशाद और शिकायतकर्ता एचसी बलजीत सच्चे गवाह हैं, क्योंकि उनके बयान स्वाभाविक हैं और वे जिरह की कसौटी पर खरे उतरे हैं.

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कार्यवाही के दौरान, अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज कुमार रंगा ने कहा कि चूंकि अभियोजन पक्ष ने सभी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अपना मामला उचित संदेह से परे साबित कर दिया है, इसलिए उन्हें आरोपों के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए.
 

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