
दिल्ली की IGI पुलिस ने फर्जी वीजा-पासपोर्ट के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस सिलसिले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जिन चार एजेंटों को गिरफ्तार किया है उनमें अमित गौड़, चंदन चौधरी, राजेंद्र कुमार और नितिन शामिल हैं. पुलिस ने इनके कब्जे से 26 अलग-अलग देशों के फर्जी वीजा, 2000 ब्लैंक इंडियन पासपोर्ट, 165 बैंक सीडीसी और फर्जी वीजा स्टैंप बरामद किए हैं. पुलिस अब इस बात की जांच में भी जुटी है कि इनकी सहायता से कौन-कौन लोग विदेश जा चुके हैं.
इसके इलावा वीजा के होलोग्राम और हाई क्लास प्रिंटिंग मशीन भी बरामद की है. पुलिस ने बताया कि इस गैंग के साथियों की तलाश की जा रही है. यह गैंग लोगों को फर्जी तरीके से वीजा बनाकर विदेशों में भेजने का झांसा दिया करता था.
इससे पहले इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI) पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. गिरोह का मास्टरमाइंड मुंबई का जाकिर यूसुफ शेख था. वह 25 सालों से उक्त काले धंधे में लिप्त है. उक्त काली कमाई के पैसे को जाकिर वेब सीरीज व मराठी फिल्में बनाने में लगाता था. पुलिस ने दावा किया कि जाकिर अब तक सैकड़ों वेब सीरीज और मराठी फिल्मों में पैसा लगा चुका है.
IGI एयरपोर्ट डीसीपी तनु शर्मा के अनुसार, छह जून को गुजरात के रवि रमेश भाई को कुवैत से डिपोर्ट कर भारत भेजा गया था. यहां जांच में पता चला कि उसका पासपोर्ट फर्जी है. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की ली और जांच शुरू कर दी.
आधे घंटे में बनाकर देता था पासपोर्ट
पूछताछ में रवि रमेश ने पुलिस को तीन नाम बताए. एक जमील पिक्चरवाला, जाकिर और संजय का. जिसमें जाकिर यूसुफ शेख इस रैकेट का मास्टरमाइंड है. पुलिस ने इसे मुम्बई से गिरफ्तार किया.