
पिछले दो महीनों से कोरोना के मरीजों से ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर ठगी कर उनके पैसों पर ऐश की जिंदगी बिता रहे दो शातिर ठगों को दिल्ली पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस के मुताबिक इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड 21 साल का ऋतिक कुमार सिंह है. रितिक लोगों से कहता कि वो सोशल वर्कर है और यूथ ऑर्गेनाइजेशन से जुड़ा हुआ है. 18 लाख लोग उसे सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं. ये सारी कहानी सुनाकर वो कोरोना मरीजों से कहता कि वो उनके घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर प्रोवाइड करवा देगा. ऋतिक ने उस वक्त ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया जब ऑक्सीजन की चारों तरफ मारामारी थी.
जो लोग उसकी बातों में आ जाते वो उसके बताए अकाउंट में पैसा जमा कर देते और इसके बाद ऋतिक उनका फोन उठाना बंद कर देता. पुलिस के मुताबिक पिछले 2 महीने में ऋतिक ने 50 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है. ठगी की रकम वो अलग अलग बैंक अकाउंट में जमा करवाता था. पुलिस के मुताबिक ऋतिक के पास से उन्होंने दो मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड भी बरामद किए हैं. इन्हीं मोबाइल फोन से लोगों के साथ ठगी किया करता था.
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मामला सामने तब आया जब 2 मई को विवेक विहार थाने में एक शख्स ने शिकायत दी कि उनकी मां को कोविड-19 था और उन्हें घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी, जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया से एक फोन नंबर ढूंढा जो घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने की बात कहता था. बात तय हो जाने के बाद पीड़ित ने आरोपी के वॉलेट में 14,500 रुपये ट्रांसफर कर दिए. आरोपी ने पीड़ित से कहा था कि पैसे देने के कुछ ही देर बाद उनके घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंच जाएगा. लेकिन जब काफी देर तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचा तो पीड़ित ने एक बार फिर से आरोपियों के नंबर पर कॉल किया तो देखा कि नंबर स्विच ऑफ हो चुका है जिसके बाद उन्हें समझ में आया कि उनके साथ ठगी हो गई है और उन्होंने फिर पुलिस में शिकायत दर्ज की.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस ने सबसे पहले ई-वॉलेट की डिटेल निकाली. उसके बाद पुलिस को उससे लिंक बैंक के बारे में पता लगा. पुलिस को पता चला कि ई-वॉलेट से सारा पैसा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के एक बैंक में ट्रांसफर हुआ है. जांच के दौरान पता लगा कि ये बैंक एकाउंट संदीप पांडे के नाम पर रजिस्टर्ड है. इसके बाद कड़ियां जुड़ती चली गईं और पुलिस को कुछ और बैंक अकाउंट के बारे में पता लगा जिनमें से संदीप पांडे और ऋतिक का नाम पुलिस के सामने आया. इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को ग्रेटर नोएडा इलाके से गिरफ्तार कर लिया.
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दोनों से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता लगा कि इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड ऋतिक है. उसी ने लोगों को ठगने के इरादे से मोबाइल नंबर तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल करवाया ताकि जो लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान हैं वो उससे संपर्क करे. पुलिस के मुताबिक दोनों ने मिलकर करीब 50 से ज्यादा लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है.
पुलिस के मुताबिक, ऋतिक बिहार के आरा जिले का रहने वाला है. वो खुद को इंडिया यूथ आइकन टीम का प्रेसिडेंट बताता है और कहता है कि उसे सोशल मीडिया पर 18 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं.