
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने लगभग 300 करोड़ रुपये के लोन की धोखाधड़ी के मामले में नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. नारायणी के निदेशकों में नीरा राडिया भी शामिल हैं. लिहाजा, पुलिस की एफआईआर में नीरा राडिया का भी नाम लिखा है.
शिकायतकर्ता डॉक्टर राजीव शर्मा ने नीरा राडिया समेत नारायणी इन्वेस्टमेंट के डायरेक्टर्स और अन्य के खिलाफ EOW को अपनी शिकायत दी थी. इसके बाद ईओडब्ल्यू ने आर्थिक धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.
पुलिस के पास दर्ज एफआईआर के मुताबिक राजीव शर्मा नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च नामक की एक फर्म के उपाध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक हैं. उन्होंने यह आरोप लगाया है कि कंपनी को पहले गुरुग्राम में एक अस्पताल बनाने के लिए शामिल ओएसएल हेल्थकेयर के रूप में जाना जाता था और कंपनी में 49% शेयर थे.
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ओएसएल ने अस्पताल के पूरा होने के दौरान कुछ वित्तीय बाधाओं का सामना किया और आरोपी कंपनी ने 99 करोड़ रुपये के विचार में अपने 51% शेयर खरीदे. एक बार जब वे बहुमत के हिस्सेदार बन गए तो उन्होंने सभी फैसले लिए.
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कंपनी ने तब अस्पताल को पूरा करने के लिए यस बैंक से 300 करोड़ रुपये का ऋण लिया था. लेकिन इस धन का उपयोग कथित रूप से अस्पताल बनाने के लिए कभी नहीं किया गया और गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया.