
सागर हत्याकांड में फंसे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार का नाम पहले भी विवादों में रहा है. वो चाहे रियो ओलंपिक जाने का मामला हो या फिर नरसिंह का डोप टेस्ट या फिर प्रवीण राणा के साथ उनका विवाद. वे किसी ना किसी मामले की वजह से हमेशा सुर्खियों में बने रहे.
जून 2016
उन दिनों रियो ओलंपिक की तैयारी चल रही थी. रेसलिंग में भारत की तरफ से नरसिंह का नाम वहां जाने के लिए प्रस्तावित था. रेसलिंग फेडरेशन का तर्क था कि 2015 से सुशील कुमार ने किसी ट्रायल में भाग ही नहीं लिया. ऐसे में नरसिंह यादव की तैयारी उनसे बेहतर थी. नरसिंह यादव सितम्बर 2015 से तैयारी कर रहे थे. नरसिंह का नाम फाइनल होता देख सुशील कुमार कोर्ट जा पहुंचे. इस मामले को लेकर दो सप्ताह तक कोर्ट में सुनवाई चली. सुशील कुमार और नरसिंह ने कोर्ट में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा.
मगर सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ कि भारत सरकार के खर्चे पर जोर्जिया जाकर सुशील कुमार ने भारतीय खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस नहीं की बल्कि जोर्जिया के खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस की, जो नियमों के खिलाफ था.
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सुशील के वकील ने कोर्ट से कहा था कि इंटरनेशनल रेसलिंग में सुशील के कामयाब होने के चांस ज्यादा हैं. वे अकेले भारतीय रेसलर हैं, जिन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने कहा कि नरसिंह के पास वो अनुभव नहीं है, जो सुशील के पास है. इसलिए अगर रियो ओलंपिक में सुशील को भेजा जाता है तो भारत के जीतने के चांस बढ़ जाएंगे.
हाई कोर्ट ने इस मामले पर नाराजगी जताई थी कि रेसलिंग फेडरेशन और खिलाड़ियों की राजनीति को भी कोर्ट मे घसीटा जा रहा है जबकि खिलाड़ियों को इस समय अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए था. बाद में कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था. इस मामले को लेकर नरसिंह और सुशील कुमार के बीच काफी तनाव हो गया था.
जुलाई 2016
ये मामला यहीं खत्म नहीं हुआ था. बाद में डोप टेस्ट में रेसलर नरसिंह यादव फेल हो गए थे. आरोप था कि नरसिंह के खाने में पाउडर जैसा कुछ मिलाया गया था. जिसकी वजह से वो डोप टेस्ट में फेल हो गए थे. हालांकि इस मामले में एक संदिग्ध शख्स की पहचान की गई थी, जिसने खाने में पाउडर मिलाया था. रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट को उस वक्त बताया था कि रसोइए ने उस शख्स की पहचान भी कर ली है. संदिग्ध शख्स एक अंतरराष्ट्रीय रेसलर का छोटा भाई बताया जा रहा था. इस मामले के बाद नरसिंह की जगह प्रवीण राणा का नाम भेजा गया था. नरसिंह यादव को अगले 4 साल के लिए बैन कर दिया गया था.
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इस मामले में भी सुशील कुमार का नाम आया था. तब सुशील कुमार के कोच सतपाल ने कहा था कि अगर सुशील का नाम डोपिंग विवाद में घसीटा गया तो वह नरसिंह के खिलाफ मुकदमा करेंगे. जबकि डोप टेस्ट विवाद के बाद नरसिंह यादव के वाराणसी स्थित पैतृक गांव मुरेरी में मायूसी छा गई थी. नरसिंह के घरवालों ने तमाम आरोपों को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले की जांच कराने की मांग की थी.
दिसंबर 2017
उस वक्त सुशील कुमार ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के लिए क्वालिफाई किया था. उन्होंने 74 किलोग्राम वर्ग के लिए फाइनल ट्रायल मैच में जितेंद्र कुमार को हराकर अपनी जगह पक्की की थी. इस खबर से सुशील के समर्थक खुश थे, लेकिन कुछ देर बाद ही सुशील कुमार के समर्थक और दूसरे भारतीय पहलवान प्रवीण राणा के समर्थकों से भिड़ गए थे. उनके बीच नई दिल्ली के केडी जाधव स्टेडियम में जोरदार लड़ाई हुई थी. उस दौरान ट्विटर पर इस लड़ाई का वीडियो भी वायरल हुआ था. दोनों पहलवानों के समर्थकों के बीच झगड़े की नौबत तब आई थी, जब सुशील से हारने के बाद प्रवीण राणा ने दावा किया कि सुशील के समर्थकों ने रिंग में उसके खिलाफ उतरने पर उसे और उसके बड़े भाई को मारा था. इस आरोप से सुशील कुमार सवालों के घेरे में आ गए थे. पहलवान प्रवीण राणा के साथ हुई मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसमें सुशील कुमार और उनके समर्थकों को आरोपी बनाया गया था.
अगस्त 2020
डोप टेस्ट में नाकाम हुए पहलवान नरसिंह यादव पर लगा बैन खत्म हो गया था. इससे पहले सुशील कुमार और नरसिंह के बीच एक-दूसरे के खिलाफ काफी बयानबाजी हो चुकी थी. हालांकि सुशील कुमार ने रिंग में नरसिंह यादव की वापसी का स्वागत किया था. सुशील कुमार ने नरसिंह की वापसी और उनसे मुकाबले के बारे में भी बयान दिया था. सुशील ने कहा था कि वह नरसिंह के रिंग में लौटने का स्वागत करते हैं. सुशील ने नरसिंह के साथ मुकाबला होने के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि यह समय आगे बढ़ने का है. फिलहाल हमें इससे हटकर सोचना चाहिए.
मई 2021
देखते देखते ही वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि सुशील कुमार की सारी उपलब्धियां धरी रह गईं. कामयाबी की चकाचौंध में की गई उनकी सिर्फ एक गलती से शोहरत का तिलिस्म टूट गया. उनकी सालों की इज़्ज़त एक ही झटके में मिट्टी में मिल गई. उन्हें फरार होना पड़ा. सागर हत्याकांड में फंसे सुशील कुमार के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने ना सिर्फ गैर जमानती वारंट जारी किया बल्कि उनकी गिरफ्तारी पर पूरे 1 लाख रुपये का ईनाम भी रखा. बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जो शख्स कल तक पूरे देश और दुनिया का हीरो था, वो देखते ही देखते पुलिस और कानून की नज़र में एक मुल्जिम बन गया.