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स्कूल बैग में अफीम भरकर राजस्थान से सूरत ला रहा था छात्र, पुलिस ने किया गिरफ्तार

गुजरात में ड्रग माफिया पुलिस से बचने की जुगत में अब स्कूली छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां पर पुलिस ने एक कक्षा-9 वीं के एक छात्र को गिरफ्तार किया है जो अपने स्कूल बैग में करीब दो किलोग्राम अफीम लेकर राजस्थान से सूरत आया था.

स्कूल बैग में अफीम भरकर राजस्थान से सूरत ला रहा था छात्र, गिरफ्तार स्कूल बैग में अफीम भरकर राजस्थान से सूरत ला रहा था छात्र, गिरफ्तार
संजय सिंह राठौर
  • सूरत,
  • 03 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:49 AM IST
  • स्कूल बैग में अफीम भरकर राजस्थान से सूरत ला रहा था छात्र
  • पुलिस ने किया छात्र को गिरफ्तार

गुजरात में ड्रग माफिया पुलिस से बचने की जुगत में अब स्कूली छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां पर पुलिस ने एक कक्षा-9 वीं के एक छात्र को गिरफ्तार किया है जो अपने स्कूल बैग में करीब दो किलोग्राम अफीम लेकर राजस्थान से सूरत आया था . छात्र के स्कूल बैग से बरामद अफ़ीम की क़ीमत 1.98 लाख बताई गई है.

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छात्र से करवाई गई ड्रग्स डिलीवरी

सूरत की पूना थाना पुलिस को खबर मिली थी कि राजस्थान का रहने वाला एक 16 वर्षीय छात्र राजस्थान से सूरत अफ़ीम की तस्करी करने में शामिल है. उसी खबर के आधार पर पूना पुलिस ने अपने थाना क्षेत्र के निओल चेक पोस्ट के पास से छात्र को गिरफ़्तार किया है जो अपनी स्कूल की बैग में 1 किलो 980 ग्राम अफ़ीम राजस्थान से सूरत लेकर ड्रग माफिया को पहुंचाने आया था.  छात्र को अफ़ीम सूरत पहुंचाने के लिए उसके ही गांव के गोपाल शर्मा नामक शख़्स ने कहा था. 

पुलिस ने किया रैकेट का भंडाफोड़

सूरत पुलिस के एसीपी धर्मेंद्र सिंह चावड़ा ने बताया कि राजस्थान से सूरत अफ़ीम की खेप भेजने वाले गोपाल शर्मा नाम के ड्रग माफिया ने नाबालिग स्कूली छात्र का उपयोग कैरियर के तौर पर किया है. अब छात्र को तो पकड़ लिया गया है लेकिन पुलिस को उस गोपाल शर्मा की तलाश है जिसने स्कूली छात्र का इस काम में इस्तेमाल किया. गोपाल  राजस्थान के ज़िला चितौडगढ़ तहसील बेगु, थाना परसोलीजी के अंतर्गत आने वाले इटावा गांव का निवासी बताया गया है. गोपाल शर्मा की गिरफ़्तारी के बाद ही तय हो पाएगा कि सूरत में अफ़ीम का जत्था किसे पहुंचाया जाना था. पकड़े गए छात्र ने पुलिस को बताया कि वो अफ़ीम की डिलीवरी लेने वाले के बारे में कुछ नही जानता है. उसे सिर्फ ये काम करने के लिए कहा गया था और बदले में पांच हजार रुपये भी दिए गए.

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