
छत्तीसगढ़ के रायपुर में क्रूरता की हद पार कर देने वाला मामला आया है. कुछ शराबियों ने एक कुत्ते को मौत की सजा दे डाली. कुत्ते को दीवार पर बड़ी बेरहमी से फांसी से लटका दिया. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो की सूचना मिलते ही पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
मामला राजेंद्र थाने का है. बताया जा रहा है कि अमलीडीह शराब भट्टी पर कुछ लोग शराब पी रहे थे. उनकी उटपटांग हरकत देखकर कुत्ता जोर-जोर से भौंकने लगा. लगातार भौंकने से उन शराबियों को गुस्सा आ गया. इसके बाद शराबियों ने कुत्ते के गले में रस्सी का फंदा डालकर मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद कुत्ते के हाथ-पैर बांधकर उसका शव का दीवार से उल्टा लटका दिया.
CCTV फुटेज के अधार पर आरोपियों की तलाश
फिलहाल, पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया है. आरोपियों की तलाश के लिए आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को भी खंगाला जा रहा है. साथ ही वहां के रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. वहीं, पीपल फॉर एनिमल्स संगठन भी इस मामले में केस दर्ज करवाने की तैयारी में है.
पहले भी पशुओं के साथ हुई थी क्रूरता
इसी साल अगस्त के महीने में रायपुर के सदर बाजार में नाबालिग ने कुत्तों के झुंड पर एसिड फेंक दिया था. इससे दो कुत्तों की मौत हो गई थी. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया था. मामले में पुलिस ने आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी. वहीं, लड़के का कहना था कि कुत्ते उसे परेशान करते थे, इसलिए उसने उन पर एसिड डाल दिया था.
क्या है पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
देश में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था. साथ ही इस एक्ट की धारा 4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया. इस अधिनियम का उद्देश्य पालतू पशुओं का अनाचार या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति रोकना है. कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है या उसका इलाज नहीं करता है, भूखा प्यासा रखता है, तो ऐसे लोग पशु क्रूरता के अपराधी होंगे.
सजा का प्रावधान
इसके अलावा अगर लोग किसी पशु को मनोरंजन के लिए अपने पास रखते हैं और उसके साथ क्रूरता करते हैं, तो वे भी अपराधी हैं. ऐसे अपराधों के लिए दो हजार से लेकर 10 हजार तक का जुर्माना किया जा सकता है. साथ ही अधिकतम तीन साल तक जेल की सजा भी हो सकती है.
(इनपुट- श्रीप्रकाश तिवारी)