
5000 करोड़ रुपए के साइबर ठगी के मामले में ईडी ने एक और आरोपी की गिरफ्तारी की है. ऑनलाइन गेमिंग के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी करने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने पुनीत कुमार उर्फ पुनीत माहेश्वरी को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है.
ईडी के मुताबिक, आरोपी पुनीत कुमार की तलाश चल रही थी. वो भारत से नेपाल भाग गया था. लेकिन इसी बीच सूचना मिली कि वो 3 अप्रैल को नेपाल से दिल्ली आ रहा है. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने उसे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 से बाहर निकलने से पहले ही धर दबोचा.
दिल्ली के मोती नगर इलाके के रहने वाले पुनीत कुमार पर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आम लोगों के साथ धोखाधड़ी करने, उनसे पैसे ठगने और उन पैसों को अवैध तरीके से भारत से बाहर भेजने का आरोप है. इसके लिए आरोपी ने एक खास तरीका अपनाया था. इसके जरिए वो लोगों को ठगता था.
ईडी का कहना है कि आरोपी ने घोटालों को अंजाम देने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में स्थित सर्वरों का उपयोग किया. इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात और भारत में एक समानांतर सिडिंकेट स्थापित किया. साल 2020-2024 के बीच ऑनलाइन गेमिंग योजनाओं के जरिए उसने 4978 करोड़ रुपए कमाए.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले महीने मामले में एक अन्य आरोपी आशीष कक्कड़ को गुरुग्राम के एक होटल से गिरफ्तार किया था. फिलहाल वो न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में मामला दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
ईडी की जांच में सामने आया है कि आरोपी निवेश, नौकरी, ऑनलाइन शॉपिंग, लोन, गेम जैसे लुभावने योजनाओं के जरिए लोगों के साथ साइबर ठगी करता था. इसमें सबसे ज्यादा लोगों को निवेश के नाम पर शिकार बनाया जाता था. ज्यादा मुनाफे के चक्कर में लोग उसकी जाल में फंस जाते थे.
इस तरह लोगों से पैसे ठगने के बाद इस गैंग का मास्टर माइंड आशीष कक्कड़ अलग-अलग कंपनियों के नाम पर खोले गए बैंक अकाउंट में जमा करा दिया करता था. इसके बाद इन पैसों को रेनमटेनसेस के रूप में भारत से बाहर दुबई, सिंगापुर आदि देशों में भेज दिया जाता था.
आशीष और उसके सहयोगियों ने अपने कर्मचारियों तक के नाम से कंपनियां बना रही थी. इन सभी कंपनियों में आशीष का नाम शामिल था. वो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक अकाउंट का संचालन करता था. ईडी ने लंबी जांच के बाद पिछले महीने ही आशीष को गिरफ्तार किया था.