
केरल के एर्नाकुलम के कालामसेरी स्थित एक कन्वेंशन सेंटर में हुए बम धमाकों की जिम्मेदारी लेने वाले आरोपी डोमिनिक मार्टिन के घर की पुलिस ने आज तलाशी ली है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी के घर से बम बनाने के सामान बरामद हुए हैं. इनमें बड़ी संख्या में बैट्री, तार और पेट्रोल की बोतलें शामिल हैं. बताया जा रहा है कि आरोपी ने इन सामानों का इस्तेमाल करके आईईडी बम बनाए थे, जिनको टिफिन बॉक्स में रखकर कन्वेंशन सेंटर में रख दिया था. इसके बाद तीन धमाके हुए, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग हो गए. सभी घायलों का एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. इनमें कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
एर्नाकुलम ब्लास्ट पर केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन का कहना है कि भारत सरकार की एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं. केरल सरकार इस मुद्दे का उपयोग भाजपा के खिलाफ करने की कोशिश कर रही है. केरल एक ऐसी संवेदनशील जगह बनती जा रही है, जहां कोई भी व्यक्ति जाकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे सकता है. वहां हुए धमाके खुफिया तंत्र, कानून और व्यवस्था तंत्र की विफलता की प्रतीक हैं. राज्य पुलिस और राज्य का गृह मंत्रालय को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. बताते चलें कि इस घटना के तुरंत बाद वहां एनआईए की टीम पहुंच गई थी. उसके बाद गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद एनएसजी की एक आठ सदस्यीय टीम भी जांच के लिए गई है.
बम धमाकों के कुछ घंटे बाद ही आरोपी डोमिनिक मार्टिन ने त्रिशूर जिले के कोडकारा पुलिस स्टेशन में यह दावा करते हुए सरेंडर कर दिया था कि उसने ही कन्वेंशन सेंटर में बम लगाया था. इतना ही नहीं सरेंडर से पहले उसने फेसबुक लाइव करके धमाकों के पीछे वजह भी बताई थी. उसका दावा था कि वो भी ईसाई धर्म के यहोवा के साक्षी समूह से संबंधित है. लेकिन उसे उनकी विचारधारा पसंद नहीं है. उन्हें वो देश के लिए खतरा मानता है. क्योंकि वो लोग देश के युवाओं के दिमाग में जहर घोल रहे हैं. इसलिए उसने उनकी प्रार्थना सभा के दौरान बम ब्लास्ट किया है. उसने ये भी कहा था कि उसे खोजने की जरूरत नहीं है. वो खुद पुलिस के सामने सरेंडर करने जा रहा है.
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फेसबुक लाइव में मार्टिन कहा था, ''मैं यहोवा के साक्षियों के उपदेशों से सहमत नहीं हूं, हालांकि मैं उनमें से ही एक हूं, लेकिन उनकी विचारधारा खतरनाक है. ये समूह देश के लिए घातक है. वो लोग छोटे बच्चों के दिमाग में जहर फैला रहे हैं. उनकी विचारधारा गलत है. वो झूठ फैला रहे हैं. आज कन्वेंशन सेंटर में प्रार्थन सभा के दौरान जो कुछ हुआ है, मैं उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं. किसी को मेरी तलाश में आने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मैं खुद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने जा रहा हूं.''
29 अक्टूबर को एर्नाकुलम के कलामसेरी में ईसाई समुदाय के यहोवा के साक्षी समूह की प्रार्थना सभा हो रही थी. तीन दिन की प्रार्थना सभा का आखिरी दिन था. कन्वेंशन सेंटर में दो हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे. रविवार सुबह करीब 9.30 बजे एक के बाद एक तीन धमाके हुए. हर तरफ अफराफरी मच गई. इसमें भी कई लोग बुरी तरह घायल हो गए. केंद्रीय गृहमंत्रालय भी तुरंत हरकत में आ गया. कोच्चि से एक एनआईए की टीम को एर्नाकुलम के लिए रवाना कर दिया गया. गृहमंत्री अमित शाह ने तुरंत केरल के सीएम पिनराई विजयन को फोन मिलाया. हालांकि, वो केरल की बजाए दिल्ली में ही मौजूद थे. वो दिल्ली में गाजा पर हमले के विरोध में प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए हुए थे.
डोमिनिक मार्टिन द्वारा एर्नाकुलम धमाकों की जिम्मेदारी लेने के बाद घटना की जांच कई एंगल से हो रही है. इसे बड़े परिपक्ष्य में देखा जा रहा था. क्योंकि इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग के बीच देश में मौजूद कुछ जगहों पर हमले की आशंका जताई गई थी. इस संबंध में खुफिया एजेंसियों ने भी अलर्ट जारी किया था. यही वजह है कि धमाकों के तुरंत बाद एनआईए की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई. दिल्ली से एनएसजी की एक स्पेशल टीम भी जांच के लिए गई है. हालांकि, सबसे बड़ा सवाल ये है कि मार्टिन नेबम बनाना कहां से सीखा है. इसकी ट्रेनिंग कहां से ली है. पता चला है कि वह दुबई में रह चुका है और करीब दो महीने पहले ही देश लौटकर आया है. वह यूएई में इलेक्ट्रिक मैन के तौर पर काम करता था. उसे इलेक्ट्रिक सर्किट बनाने की पूरी जानकारी थी. एंजेंसियां कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड के जरिए डोमिनिक के संपर्क में आए लोगों से भी पूछताछ कर रही हैं.