
महाराष्ट्र के बीड शहर में हुए सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में गिरफ्तार वाल्मिक कराड को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. एनसीपी मंत्री धनंजय मुंडे के सहयोगी कराड को मकोका अधिनियम की एक विशेष अदालत में बुधवार को पेश किया गया था. महाराष्ट्र पुलिस की विशेष जांच टीम ने 10 दिनों के लिए उनकी हिरासत मांगी, ताकि आगे की पूछताछ की जा सके.
वाल्मिक कराड पर मंगलवार को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया. उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इसके बाद पुलिस ने उनकी हिरासत के लिए विशेष मकोका अदालत का दरवाजा खटखटाया. बुधवार दोपहर को उन्हें बीड की जिला अदालत में पेश किया गया. 22 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
मंगलवार को वाल्मिक कराड पर मकोका लगने के बाद उनके सैकड़ों समर्थकों ने बसों पर पथराव किया. टायरों में आग लगा दी. परली शहर में सड़कें जाम करने की कोशिश की थी. उनके समर्थन में नारे लगाकर बंद का आह्वान किया. बीड जिले में 28 जनवरी तक निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद प्रदर्शन किया गया. पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर केस दर्ज किए.
बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के विरोध में प्रदर्शन और मराठा-ओबीसी कार्यकर्ताओं द्वारा आरक्षण संबंधी आंदोलन के मद्देनजर 28 जनवरी तक निषेधाज्ञा लागू की गई है. जिला प्रशासन ने कहा है कि अनुमति के बिना पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है. लोगों को सार्वजनिक जगहों पर हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है.
बीड जिले के मासजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का 9 दिसंबर को अपहरण कर लिया गया था. उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई. प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि उन्होंने क्षेत्र में पवनचक्की परियोजना संचालित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी पर जबरन वसूली के प्रयास को विफल करने का प्रयास किया था. पुलिस ने अब तक हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
इसके मामले की जांच कर रही एसआईटीके एक अधिकारी ने बताया कि मकोका की धारा 3(1) परली विधायक के सहयोगी कराड के साथ सुदर्शन घुले, प्रतीक घुले, सुधीर सांगले, कृष्णा अंधाले, विष्णु चाटे, सिद्धार्थ सोनावणे, महेश केदार और जयराम चंगे के खिलाफ भी लगाई गई है. इस धारा के तहत दोषी पाए जाने वालों अपराधियों को सजा ए मौत या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.