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Kanpur: टेंपो-बस का किराया बचाने के लिए युवक बन गया नकली फौजी, यूं हुआ अरेस्ट

UP Latest News: यूपी के कानपुर में पुलिस ने एक फर्जी फौजी को अरेस्ट किया है. पुलिस की पूछ में आरोपी युवछताक ने बताया कि वह टेंपो और बस का किराया बचाने के लिए नकली फौजी बन गया था.

पकड़ा गया फर्जी फौजी पंकज (फोटो- रंजय सिंह) पकड़ा गया फर्जी फौजी पंकज (फोटो- रंजय सिंह)
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST
  • कानपुर के कल्याणपुर में पकड़ा गया नकली फौजी
  • बस का किराया बचाने के लिए युवक बना फौजी

UP News: यूपी के कानपुर में एक युवक सिर्फ टेंपो और बस में अपना किराया बचाने के लिए नकली फौजी बन गया. वह फौजी की वर्दी, कमांडो के जूते और बलिदान बेच लगाकर शहर में फौजी बनकर घूमता था. उसने अपने लिए एक फौजी का फर्जी आईकार्ड तक बनवा रखा था. इस तरह वह काफी दिन से बसों और ऑटो में फौजी होने का रौब दिखा कर अपना किराया बचा रहा था. लेकिन अब उसके ढोंग का पर्दाफाश हो गया. पुलिस ने उस नकली फौजी को अरेस्ट कर लिया है.

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ऑटो और बस वाले उसे फौजी समझकर अक्सर उससे किराया नहीं मांगते थे. मगर सोमवार को एक ऑटो वाले ने कल्याणपुर इलाके में उससे किराया मांग लिया. जिस पर वह फौजी होने का रौब दिखा कर उससे भीड़ गया. टेंपो वाले की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने जब किराया नहीं देने वाले युवक से पूछताछ की तो कुछ ही देर में उसके नकली फौजी होने की असलियत सामने आ गई.

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि उसका असली नाम पंकज सिंह है. वह एटा का रहने वाला है. पुलिस को उसके पास से फौजी का फर्जी आईकार्ड और आधार कार्ड के साथ एक नेमप्लेट मिली है.

पूछताछ में नकली फौजी पंकज ने बताया कि उसे हर जगह घूमने का शौक था. लेकिन आने-जाने में किराया बहुत लगता था. एक बार उसने टेंपो में देखा कि टेंपो ड्राइवर ने अपनी टेंपो में बैठे एक फौजी से किराया नहीं लिया. उल्टा उसको सम्मान के साथ बैठाया. बस उसी दिन उसने भी नकली फौजी बनकर किराया बचाने की योजना बन गई. और फिर फौजी की वर्दी खरीदी कामंडो के जूते खरीदे, एक फर्जी फौजी का आईकार्ड बनवाया.

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उसने बताया कि इसके वह जहां भी जाता वर्दी पहनकर फौजी बन जाता. उसकी बॉडी भी अच्छी थी इसलिए कोई समझ नहीं पाता था कि वह नकली फौजी है.

कल्याणपुर के एसीपी अशोक शुक्ला का कहना है एक टेंपो वाले से किराए को लेकर इसका (पंकज सिंह) झगड़ा हो रहा था. पुलिस जब उसको थाने लेकर आई. पूछताछ की उसकी तो असलियत सामने आ गई. जब किराया ना देने के लिए वह लड़ रहा था. तभी पुलिस समझ गई थी कि ये असली फौजी नहीं हो सकता क्योंकि कोई सैनिक सिर्फ किराया देने के लिए लड़ाई नहीं कर सकता. आरोपी पंकज को एफआईआर लिखकर जेल भेज दिया गया है.

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