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जाली नोटों के साथ 4 तस्कर गिरफ्तार, छापते थे 100 और 200 रुपये के नकली नोट

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उनकी एक टीम लगातार नकली नोटों की तस्करी में लिप्त गैंग के पीछे पड़ी हुई थी. इस बीच पुलिस को करीब 1 महीने पहले जानकारी मिली कि कुछ लोग नकली नोट छापकर उन्हें दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में बेचा करते हैं.

हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:17 AM IST
  • गैंग 100 और 200 के नकली नोट छापता था
  • पुलिस ने 1.34 लाख के नकली नोट बरामद किए
  • 20 हजार रुपये मूल्य के अनफिनिश्ड नोट भी जब्त

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों के तस्करों के एक गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने गैंग के चार तस्करों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, यह गैंग 100 और 200 के नकली नोट छापता था और उन्हें दिल्ली और आसपास के इलाकों में चला दिया करता था. पुलिस ने इनके पास से 1,34,000 रुपये मूल्य के नकली नोट बरामद किए हैं. साथ में 20 हजार रुपये मूल्य के अनफिनिश्ड नकली नोट भी बरामद किए हैं. 
 
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उनकी एक टीम लगातार नकली नोटों की तस्करी में लिप्त गैंग के पीछे पड़ी हुई थी. इस बीच पुलिस को करीब 1 महीने पहले जानकारी मिली कि कुछ लोग नकली नोट छापकर उन्हें दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में बेचा करते हैं. पुलिस को यह भी पता लगा कि यह लोग सिर्फ छोटी कीमत के नोट छापा करते हैं. इस बीच 30 अगस्त को पुलिस को पता लगा की गैंग के दो सदस्य आनंद विहार आईएसबीटी पर नकली नोट के साथ आने वाले हैं जिसके बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम ने रेड करके उन दोनों को नकली नोट के साथ गिरफ्तार कर लिया.

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पुलिस जांच में जुटी

इसके बाद पुलिस ने उनके दो और साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया और इनके पास से 1,34,000 के नकली नोट बरामद किए. पुलिस ने इनके ठिकाने पर छापा मारा तो वहां पर उन्हें 20 हजार के जाली नोट भी मिले जिनकी अभी छपाई चल रही थी. इनके पास से प्रिंटर समेत नकली नोट छापने के काम में आने वाले दूसरे पेपर इंक और चीजें भी बरामद हुई है.
 
अब पुलिस इनसे यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह लोग इस धंधे में पिछले कितने वक्त से हैं. पकड़ में आए आरोपियों के नाम अजीम, अकील और नितिन पटेल हैं. पुलिस दिल्ली और एनसीआर में इनके लिंक भी तलाशने की कोशिश में जुटी है ताकि यह पता लग सके कि यह लोग नकली नोट किन लोगों को सप्लाई किया करते थे और दिल्ली और आसपास के इलाकों में किन बाजारों में और किस तरह से इन्हें चलाया जाता था.

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