
दिल्ली पुलिस ने वोटर आईडी कार्ड में सुधार के लिए फर्जी वेबसाइट चला रहे दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में राजिंदर नगर थाना पुलिस को शिकायत मिली थी जिसके बाद मामले को साइबर पुलिस को ट्रांसफर किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों में यूपी अमरोहा निवासी अंकित कुमार और मुरादाबाद निवासी मनमोहन सिंह शामिल है जबकि एक अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने अब तक करीब 10 हजार लोगों से ठगी की है.
दिल्ली डीसीपी सेंट्रल श्वेता चौहान ने बताया कि राजिंदर नगर पुलिस थाना में एक मामला दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे अपने वोटर आईडी कार्ड में कुछ बदलाव कराना था जिसके लिए उसने ऑनलाइन सर्च किया तो एक वेबसाइट voteridcard.ebharatseva.in के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने वेबसाइट को खोला तो 650 रुपए देने को कहा गया. जब उन्होंने पेमेंट कर दिया तो उन्हें info@ebharatseva.in और no-reply@razorpay.com से ईमेल मिला जिसमें कहा गया था कि पेमेंट मिल गया है. अब आपके आवेदन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, जल्द ही आपके संपर्क करेंगे. इसके बाद voteridcard.ebharatseva.in की ओर से कुछ दिनों तक जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हे संदेह हुआ. फिर इंटरनेट पर सर्च किया तो पता चला कि भारत के चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट voterportal.eci.gov.in है. इसके बाद शिकायतकर्ता ने मामला दर्ज कराया.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस को पता चला कि ये फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर चल रहा था जिसके बाद मामला सेंट्रल साइबर थाना को सौंप दी गई. साइबर थाना ने जब जांच पड़ताल शुरू की. इस दौरान बैंक अकाउंट होल्डर की पहचान यूपी के मुरादाबाद निवासी मनमोहन सिंह के रूप में हुई. फिलहाल, दोनों पुलिस हिरासत में हैं. पहले मनमोहन सिंह की गिरफ्तारी की गई. इसके बाद उससे पूछताछ की गई तो उसने अपने साथी अंकित कुमार पाल की जानकारी साइबर पुलिस को दी.
आरोपियों के बैंक अकाउंट्स की डिटेल खंगाल रही पुलिस
पूछताछ के दौरान अंकित कुमार ने बताया कि वह नौकरी की तलाश के दौरान नोएडा सेक्टर-58 निवासी कनव कपूर से वह नोएडा सेक्टर-63 में मिला था. कनव कपूर ने कथित तौर पर फर्जी वेबसाइट और पेमेंट गेटवे बनाया. उसने बताया कि पेमेंट गेटवे मनमोहन सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड था. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के बैंक अकाउंट्स से धोखाधड़ी की बात सामने आई है, जिसकी डिटेल खंगाली जा रही है. मामले में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है. पुलिस ने बताया है कि करीब 10 हजार लोगों से इस फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी की जानकारी मिली है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी गूगल एड (Google Ads) को पेमेंट कर अपनी वेबसाइट की पहुंच बढ़ा देते थे. आरोपी अंकित कुमार पाल ने बताया कि हरियाणा के पंचकूला निवासी कनव कपूर द्वारा एचएसआरपी, ड्राइविंग लाइसेंस, फूड लाइसेंस, फास्ट टैग की इसी तरह की वेबसाइट चलाई जा रही है. फिलहाल, कनव कपूर फरार है, उसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.
आरोपियों के पास से पासबुक, एटीएम कार्ड बरामद
गिरफ्तार अंकित कुमार ने इंटर तक की पढ़ाई की है और बाद में उसने यूपी अमरोहा स्थित आईटीपीआई कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक में डिप्लोमा किया है. बाद में उसे बीपीओ में नौकरी मिल गई. वहीं आरोपी मनमोहन सिंह उर्फ टीटू ने यूपी के मुरादाबाद से इंटर तक की पढ़ाई की है। आरोपियों के पास से 02 मोबाइल फोन, 03 चेक बुक, कुछ नोटपैड और 07 एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं और उनके बैंक अकाउंट्स की डिटेल खंगाली जा रही है.