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PM मोदी की कानपुर रैली में बवाल की साजिश रचने वाले को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कानपुर रैली के दौरान दंगे की साजिश रचने वाले आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. समाजवादी पार्टी के इन कार्यकर्ताओं ने साजिश के तहत अशांति फैलाने की नीयत से कार में तोड़फोड़ की थी.

कार में तोड़फोड़ के मामले में 5 सपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. कार में तोड़फोड़ के मामले में 5 सपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था.
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 30 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:35 PM IST
  • सपा ने आरोपियों को पार्टी से किया था निष्कासित
  • कचहरी पहुंचे आरोपियों ने फर्जी फंसाने का लगाया आरोप
  • प्रधानमंत्री की रैली के दौरान सपाइयों ने नौबस्ता में किया था बवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कानपुर रैली के दौरान बवाल की साजिश रचने वाले आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. समाजवादी पार्टी के इन कार्यकर्ताओं ने साजिश के तहत अशांति फैलाने की नीयत से कार में तोड़फोड़ की थी. हालांकि, इन्हें अब पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार को कानपुर में काफिला गुजरने के बाद नौबस्ता थाना इलाके में हमीरपुर जाने वाली सड़क पर पीएम मोदी का पुतला फूंका गया और भाजपा का झंडा लगी कार में तोड़फोड़ की गई. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों सचिन केसरवानी, अंकुर पटेल, अंकेश यादव, सुकांत शर्मा और सुशील राजपूत पार्टी को गिरफ्तार किया. इनमें अंकुर पटेल कार मालिक है. 

साजिश के तहत तुड़वाई कार 

जानकारी के अनुसार, कार मालिक अंकुर पटेल ने एक साजिश के तहत अपनी कार को तुड़वाया था. अफसरों का तो यहां तक कहना है कि जिस वक्त यह तोड़फोड़ हो रही थी उस समय अंकुर पटेल ही वीडियो बना रहा था, इसलिए वह खुद वीडियो में सामने नहीं आ पाया. इतना ही नहीं, पुलिस की धरपकड़ तेज होते ही अंकुर ने अपने मोबाइल से शूट हुआ वह वीडियो भी डिलीट कर दिया. पुलिस ने अंकुर पटेल के मोबाइल को सीज कर फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेज दिया है.  

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डर फैलाना मकसद था 

कानपुर पुलिस ने बताया था कि प्रधानमंत्री दौरे के दौरान एक साजिश के तहत राजनीतिक पार्टी का झंडा लगाकर दूसरे राजनीतिक पार्टी के लोगों के द्वारा लोगों को भयभीत करने अशांति फैलाने की नीयत से इस घटना को अंजाम दिया गया था. नौबस्ता पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार कर महानगर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया था, जहां से इनको जमानत नहीं मिल पाई. 


 

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