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Madhya Pradesh: ट्रेनी आर्मी अफसर की गर्लफ्रेंड से गैंगरेप, लूटपाट और जानलेवा हमला, 7 महीने बाद 5 लोगों को उम्रकैद

मध्य प्रदेश के महू में सत्र न्यायालय ने सोमवार को सेना के दो ट्रेनी अफसरों और उनकी दो महिला मित्रों के साथ लूट, मारपीट, अपहरण और गैंगरेप के मामले में पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह घटना पिछले साल 11 सितंबर को तड़े 2 से 3 बजे के बीच महू-मंडलेश्वर रोड पर जाम गेट पर हुई थी.

मध्य प्रदेश के महू में पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा. (सांकेतिक तस्वीर) मध्य प्रदेश के महू में पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा. (सांकेतिक तस्वीर)
aajtak.in
  • महू,
  • 24 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 10:18 PM IST

मध्य प्रदेश के महू में सत्र न्यायालय ने सोमवार को सेना के दो ट्रेनी अफसरों और उनकी दो महिला मित्रों के साथ लूट, मारपीट, अपहरण और गैंगरेप के मामले में पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह घटना पिछले साल 11 सितंबर को तड़े 2 से 3 बजे के बीच महू-मंडलेश्वर रोड पर जाम गेट पर हुई थी. इस केस की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई थी.

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महू न्यायालय की विशेष लोक अभियोजक संध्या उइके ने बताया कि चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविशंकर दोहरे ने अनिल बारोड़ (27), पवन वसुनिया (23), रितेश भाभर (25), रोहित गिरवाल (23) और सचिन मकवाना (25) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उन्हें पीड़िता को 50 हजार और अन्य तीन पीड़ितों को 10-10 हजार देने का आदेश दिया गया है.

इस मामले में छठे आरोपी, जो नाबालिग है, पर किशोर न्यायालय में मुकदमा चल रहा है. पिछले साल 11 सितंबर को तड़के महू-मंडलेश्वर रोड पर स्थित जाम गेट के पास इन्फैंट्री स्कूल के दो ट्रेनी अफसर अपनी दो महिला मित्रों के साथ गए थे. उस समय अचानक छह लोगों ने उन्हें घेर लिया. उन पर पिस्तौल तान दी, जानलेवा हमला किया और लाठी-डंडों से उनकी पिटाई कर दी.

इसके बाद आरोपियों ने पीड़ितों से 10 लाख रुपए मांगे. पैसे न देने पर जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने उनके मोबाइल फोन और 800 रुपए लूट लिए. इसके बाद एक ट्रेनी अफसर और उसकी महिला मित्र को इन्फैंट्री स्कूल जाकर रकम का इंतजाम करने को कहा. एक अधिकारी और उसकी महिला मित्र को बंधक बना लिया. पैसे आने में देरी होने पर वे भड़क गए.

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उनमें रितेश भाभर और अनिल बारोड़ ने एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया. वारदात को अंजाम देने के बाद वे लोग मौके से फरार हो गए. अगले दिन बड़गोंडा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. इस मामले की अंतिम रिपोर्ट पिछले साल 12 अक्टूबर को अदालत में पेश की गई. 21 मार्च को अंतिम दलीलें सुनी गई और अब फैसल आ गया है.

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