
ओडिशा की एक अदालत ने छात्राओं के यौन शोषण के आरोपी पूर्व प्रधानाध्यापक (Headmaster) को 10 साल की सजा सुनाई है. यह फैसला राज्य के सुंदरगढ़ जिले की पॉक्सो अदालत ने सुनाया. मामला 2015 का है जब पूर्व हेडमास्टर देवानंद पटेल पर 11 छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था. बुधवार को अदालत ने आरोपी को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
62 वर्षीय पटेल ने लेफ्रिपारा ब्लॉक के एक स्कूल के प्रधानाध्यापक के रूप में सेवा करते हुए 11 लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया था. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश महेंद्र कुमार सूत्रधर ने आरोपी को 10 साल कैद की सजा सुनाई.
सजा के साथ लगा जुर्माना भी
पटेल ने ना केवल लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की थी बल्कि कुछ मामलों में उसने छात्राओं को अकेला पाकर स्कूल में ही उनके साथ बलात्कार भी किया था. पटेल को 14 जून 2016 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में है. कोर्ट ने दोषी को 47 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं भरने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकारियों को 11 पीड़ितों को 28 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है. सरकारी वकील देवाशीष मिश्रा ने बताया कि अभियोजन पक्ष के 40 गवाहों के बयानों पर विचार करते हुए, POCSO कोर्ट के माननीय न्यायाधीश ने दोषी को 90 साल के कठोर कारावास का आदेश दिया है. हालांकि, दोषी को अधिकतम 10 साल की जेल की सजा काटनी होगी.
क्या था मामला
2015 में यह मामला तब सामने आया था, जब पीड़ित छात्राओं में से एक ने अपने परिजनों को इस बारे में बताया था. देवानंद पटेल गांव के प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक था. इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा जो सुंदरगढ़ के जिलाधिकारी भूपिंदर सिंह पुनिया जांच के आदेश दे दिए. विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी पटेल फरार हो गया जिसके बाद प्रशासन ने उसे सस्पेंड कर दिया. बाद में पटेल पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
दोषी पटेल छात्राओं को बारी-बारी से अपने कमरे में बुलाता था और उनके साथ अश्लील हरकत करता था. इस दौरान उसने ना केवल छात्राओं से छेड़छाड़ की बल्कि उनका यौन शोषण भी किया.