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रामपुर कोर्ट में लगातार दो बार पेश हुईं जया प्रदा, गिरफ्तारी की लटक रही थी तलवार

जया प्रदा ने अब कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वो हर सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होंगी. छूट के लिए कोई आवेदन दायर नहीं करेंगी. रामपुर कोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी करने के आदेश देने के बाद उन्होंने गैर-जमानती वारंट को रद्द करने की मांग करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी.

एमपी-एमएलए विशेष मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत में पेश हुईं जया प्रदा... एमपी-एमएलए विशेष मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत में पेश हुईं जया प्रदा...
aajtak.in
  • रामपुर,
  • 06 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

पूर्व सांसद और अभिनेत्री जया प्रदा बीते दो दिनों में दो बार रामपुर कोर्ट में पेश हुई है. बुधवार को उनकी दूसरी पेशी थी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित दो मामलों में बयान दर्ज कराने के लिए एक स्पेशल में उन्हें पेश होने के लिए आदेश जारी किया गया था. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को तय की है.

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27 फरवरी को रामपुर कोर्ट ने कई सम्मनों और सात गैर-जमानती वारंटों के जारी करने के बावजूद पेश नहीं होने पर उन्हें "भगोड़ा" घोषित कर दिया था. पुलिस को उनको गिरफ्तार करके 6 मार्च तक हाजिर करने का निर्देश दिया गया था. हालांकि, जया प्रदा 4 मार्च को यहां पहुंचीं और अपने अधिवक्ताओं के साथ एमपी-एमएलए विशेष मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत में पेश हुईं.

इसके बाद कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी. अभियोजन अधिकारी नीरज कुमार ने कहा, ''पूर्व सांसद जया प्रदा अपने अधिवक्ताओं के साथ एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत में उपस्थित हुईं और चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में अपना बयान दर्ज कराया. अदालत ने अब मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को तय की है.'' 

एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें पहले भी कई बार समन जारी किया था, लेकिन वह पेश नहीं हुईं. इसके बाद उनके खिलाफ सात बार गैर जमानती वारंट जारी हुए, लेकिन पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश नहीं कर सकी. 27 फरवरी को कोर्ट ने उसे "भगोड़ा" घोषित कर दिया. पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने और 6 मार्च को पेश करने का निर्देश दिया था.

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जया प्रदा ने अब कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वो हर सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होंगी. छूट के लिए कोई आवेदन दायर नहीं करेंगी. रामपुर कोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी करने के आदेश देने के बाद उन्होंने गैर-जमानती वारंट को रद्द करने की मांग करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.

जया प्रदा साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से भाजपा की उम्मीदवार थी, लेकिन समाजवादी पार्टी के आजम खान से हार गई थी. इन चुनावों के दौरान जिले के केमरी और स्वार थाने में मामले दर्ज किए गए थे. उन पर आदर्श आचार संहिता लागू होने पर नए पूर्ण किए गए विकास कार्यों का उद्घाटन करने का आरोप लगा था. इससे पहले जया प्रदा साल 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामपुर से लोकसभा जीत चुकी थीं. इसके बाद एसपी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था. 

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