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हाथरस गैंगरेप: लड़की की हालत नाजुक, अलीगढ़ से सफदरगंज हॉस्पिटल रेफर

यूपी के हाथरस जिले में गैंगरेप का शिकार दलित लड़की जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है. अलीगढ़ के अस्पताल में वो पिछले कई दिनों से भर्ती थी. लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार न होने पर पीड़िता को अब दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया है.

हाथरस गैंगरेप पीड़िता की हालत नाजुक (फोटो आजतक) हाथरस गैंगरेप पीड़िता की हालत नाजुक (फोटो आजतक)
अकरम खान/राजेश सिंघल
  • अलीगढ़ ,
  • 28 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:07 PM IST
  • गैंगरेप पीड़िता की हालत नाजुक
  • अलीगढ़ से दिल्ली रेफर किया गया
  • गांव के चार युवकों ने किया था गैंगरेप

रेप की घटनाएं देश में थमने का नाम नहीं ले रही हैं. उम्मीद थी कि निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी पर लटकाने के बाद समाज में कुछ बदलाव आएगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि ऐसी दरिंदगी ही बढ़ती जा रही है. उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक ऐसे ही मामले ने देश को हिलाकर रख दिया है. जहां कुछ लोगों ने दबंगई दिखाते हुए एक लड़की के साथ गैंगरेप किया और उसकी हत्या करने का प्रयास भी किया. अब पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है. रविवार सुबह उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में रेफर कर दिया गया.

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14 सितंबर की सुबह एक आम सुबह की तरह थी. लड़की अपनी मां के साथ पशुओं का चारा लेने खेतों पर गई थी. तभी गांव के कुछ युवक आए और उसे अपनी हवस का शिकार बनाने लगे. इस दौरान लड़की ने अपने आप को बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन उसकी चार युवकों के आगे एक न चली. लेकिन चिल्लाने की आवाज सुनकर खेत में काम कर रही उसकी मां आ पहुंची और चारों युवक भाग निकले. 

लड़की हालत नाजुक बनी हुई है 

लड़की की मां ने आसपास के लोगों के मदद मांगी और लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया और पुलिस को सूचना दी. लड़की ने अपने बयान में बताया कि  गैंगरेप के बाद उसकी हत्या का प्रयास किया गया. मेडिकल  जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि लड़की की गर्दन को बेदर्दी से मरोड़ा गया था. जिसकी वजह से सर्वाइकल स्पाइन इंजरी हो गई है.

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इसमें मरीज के गर्दन के नीचे का हिस्सा काम नहीं करता है. सांस लेने में भी दिक्कत होती है. इस कारण ही उसे जेएन मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर पर रखा गया. लड़की की जीभ भी कटी पाई गई थी. 

पुलिस पर परिवार वालों ने लगाए आरोप 

पुलिस अपना काम करती रही और एक के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार करती रही. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की. मामले को बढ़ता देख स्थानीय लोगों के अलावा राजनेता पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आए.

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने घटना की निंदा की और कहा कि प्रदेश में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. इस दर्दनाक घटना ने निर्भया गैंगरेप की याद ताजा कर दी है और दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग भी बढ़ती जा रही है.

चारों आरोपी पुलिस की हिरासत में 

इस घटना के बाद से दलित समाज में गुस्सा है और सभी ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद इलाके के थानेदार को लाइनहाजिर भी कर दिया गया था. चारों आरोपियों की पहचान संदीप, रामू, लवकुश और रवि के रूप में हुई है.

मौके पर पहुंचकर जांच करती पुलिस (फोटो आजतक)

प्रशासन ने दी पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद 

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पीड़िता के पिता को प्रशासन ने चार लाख 12 हजार की आर्थिक मदद दे दी है. पीड़िता के घर पर फोर्स तैनात की गई है. लड़की के भाई का कहना है कि वो अपनी बहन को हर हाल में बचाना चाहते हैं और दरिंदों को फांसी दिलानी है उसका कहना है कि जब तक इंसाफ नहीं मिलता है तब तक उन्हें भी खतरा रहेगा. 

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