
उत्तर प्रदेश में कभी आतंक के पर्याय रहे बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी अपने किए की सजा भुगत रहे हैं. एक वक्त था जब लोग उनके नाम से थर-थर कांपते थे. इनके आपराधिक मंसूबे का शिकार बनने के बावजूद खिलाफ गवाही देने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते थे. लेकिन आज इस माफिया की हालत बद से बदतर हो गई है. जिला अदालत से लेकर देश की सर्वोच्च अदालत तक के गेट खटखटाने के बावजूद इन्हें राहत नसीब नहीं हो रही है. ताजा मामले में मंगलवार को पूर्व विधायक विधायक मुख्तार अंसारी की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है.
इस सुनवाई के दौरान योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मुख्तार अंसारी एक खूंखार अपराधी है. उसके ऊपर कई केस दर्ज हैं. उसने राज्य में आतंक का माहौल पैदा कर दिया था. इसलिए इसे जेल की सलाखों के पीछे रखना ही जायज है. इस तरह यूपी सरकार ने उसकी सजा कम करने का विरोध किया है. इसके बाद मुख्तार की तरफ से अपना जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की गई है. अब इस मामले की सुनवाई 2 अप्रैल को होगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
बताते चलें कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को साल 2003 में जेलर को धमकाने और रिवॉल्वर तानने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने उसको इस मामले में सात साल की सजा सुनाई थी. मुख्तार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. वो चाहता है कि उसकी सजा कम कर दी जाए. हाईकोर्ट में जिस वक्त सजा सुनाई गई, उस समय मुख्तार दोनों हाथों से माथे को पकड़कर सिर झुकाकर बैठ गए. इसके बाद जज साहब से गुहार लगाने लगे, 'मी लार्ड इतना रहम कर दीजिये कि मेरी सभी सजाएं एक साथ चले'.
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इससे पहले कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उस पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इस मामले में मुख्तार पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था. साल 2012 में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था. 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय अपना काफिला लेकर भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने गए थे. जब वो लौट रहे थे तो बसनिया चट्टी के पास हमलावरों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था.
हमलावर ने एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. कहते हैं कि हमलावरों ने करीब 500 राउंड फायरिंग की थी. हमलावरों ने कृष्णानंद राय के शरीर को गोलियों से भून दिया था. इस हमले में उनके काफिले में शामिल 7 लोगों को नृशंस हत्या कर दी गई थी. इस केस में मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी को आरोपी बनाया गया था. 19 अप्रैल 2009 को हुए कपिल देव सिंह हत्याकांड और 24 नवंबर 2009 को मीर हसन अटैक केस में भी मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में भी पिछले साल कोर्ट ने उसे 10 साल की सजा सुनाई थी.