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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक लाख के इनामी गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा को गिरफ्तार कर लिया है. काला राणा की 48 से ज्यादा आपराधिक मामलों में तलाश चल रही थी. पुलिस के मुताबिक, काला राणा लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गैंग का एक शातिर सदस्य था. काला राणा 2014 से अपराध में सक्रिय हुआ. सबसे पहले इसने अपने एक साथी मोनू राणा के साथ मिलकर अंबाला में 2014 में हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. इसके बाद जब काला राणा जेल में बंद हुआ तब लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपत नेहरा के संपर्क में आया और फिर वो गैंग में शामिल हो गया.
हरियाणा पुलिस ने घोषित किया था इनाम
काला राणा 2018 में अंबाला में एक जूलरी शोरूम में डकैती के वक्त शोरूम के मैनेजर की हत्या में भी वॉन्टेड था. हरियाणा पुलिस ने हत्या के एक मामले में उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था.
थाईलैंड में निवेश करता था काली कमाई
2019 में पुलिस को पता लगा कि काला राणा हरनम सिंह के नाम का फर्जी पासपोर्ट बनवाकर देश छोड़कर थाईलैंड भाग गया है. जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि काला राणा थाईलैंड से गैंग को ऑपरेटर कर रहा है. गैंग की काली कमाई को इन्वेस्ट करता था. दिल्ली पुलिस लगातार काला राणा की तलाश में जुटी हुई थी. फरवरी 2020 में राजकुमार उर्फ राजू बसोदी को थाईलैंड से डिपोर्ट किया गया था. उसने पुलिस को बताया था कि वह भी थाईलैंड में मौजूद है. मामले में नजर लगाए दिल्ली पुलिस को इस बीच जानकारी मिली की काला राणा देश में ही छिपा हुआ है, जिसे बाद पुलिस उसे गिरफ्तार कर लिया.
तीन मुकदमों में भगोड़ा घोषित हो चुका था
2017 में काला राणा, संपत नेहरा और अन्य लोगों ने पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के भाई राजेन्द्र उर्फ राजा की हरियाणा के यमुनानगर में हत्या कर दी थी. मई 2019 में इस मामले में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. राणा को कुल तीन मुकदमों में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है, जबकि सात मामले कोर्ट में अंडरट्रायल हैं.