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गुरुग्राम में किराए के घर में चल रहा था फेक कॉल सेंटर, तीन महिलाओं समेत 12 गिरफ्तार

गुरुग्राम क्राइम ब्रांच ने सूचना के आधार पर छापेमारी कर एक फेक कॉल सेंटर (Fake call centre) का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने मौके से तीन महिलाओं सहित 12 लोगों को अरेस्ट किया है. बताया जा रहा है कि ये लोग टेक एक्सपर्ट बनकर विदेशी लोगों के साथ ठगी करते थे. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

किराए के घर में चल रहा था फेक कॉल सेंटर. (Representational image) किराए के घर में चल रहा था फेक कॉल सेंटर. (Representational image)
aajtak.in
  • गुरुग्राम,
  • 23 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:23 AM IST

गुरुग्राम पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने एक फेक कॉल सेंटर (Fake call centre) का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने छापा मारकर मौके से 3 महिलाओं सहित 12 लोगों को अरेस्ट किया है. पुलिस के अनुसार, सुशांत लोक 2 में किराए के घर में यह फेक कॉल सेंटर चल रहा था. अधिकारियों ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

जानकारी के अनुसार, आरोपी अमेरिकी लोगों के साथ ठगी कर रहे थे. वे लोगों को लैपटॉप और डेस्कटॉप से ​​मैलवेयर हटाने के बहाने का झांसा देते थे. वॉयसमेल और मैसेज का इस्तेमाल कर विदेशी नागरिकों के साथ ठगी की जा रही थी. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर प्रत्येक पीड़ित के साथ 300 से 500 अमेरिकी डॉलर की ठगी की.

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इस मामले की पुलिस को सूचना मिल रही थी. पुलिस टीम ने बताए गए स्थान पर छापेमारी की तो वहां कर्मचारी अपने काम से संबंधित कोई कागज या लाइसेंस नहीं दिखा सके. इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने छापेमारी के दौरान इन लोगों को किया अरेस्ट

गिरफ्तार 12 लोगों में मैनेजर विजय त्रिपाठी शामिल है. अन्य लोगों की पहचान आतिफ, कार्तिक, अंबरीश, इस्माइल गुरुओंग, एलेक्स चांग, अब्दुल्ला, ललित शर्मा, नासिर, मिरयाना पनमयी, मर्सी सोलो और लुंगयानी गोन्मे के रूप में हुई है.

पुलिस ने कहा कि आरोपियों के पास से 12 लैपटॉप और एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है. उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर के मालिक की पहचान अनिल के रूप में हुई है, वह अब भी फरार है.

मुख्य आरोपी की तलाश में पुलिस कर रही है छापेमारी

इस संबंध में धारा 420 और आईटी अधिनियम के तहत साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. फर्जी कॉल सेंटर पिछले छह महीने से अनिल और उसके साथी विजय त्रिपाठी द्वारा किराए के घर में संचालित किया जा रहा था. 

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गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उन्हें सैलरी के साथ ही 12 रुपये प्रति डॉलर मिलता था.  सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रीत पाल सिंह सांगवान ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं. मुख्य आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.

(एजेंसी)

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